अगरतला, पांच मई (भाषा) त्रिपुरा में जनजातीय कल्याण विभाग सभी सरकारी जनजातीय छात्रावासों में छात्रों की उपस्थिति की निगरानी के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू करेगा। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
जनजातीय कल्याण विभाग के तहत 164 छात्रावास और त्रिपुरा जनजातीय स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के तहत 43 छात्रावास का संचालन किया जाता है।
इन छात्रावासों के संचालन के लिए राज्य सरकार सालाना 80 करोड़ रुपये खर्च करती है।
जनजातीय कल्याण विभाग के निदेशक सुभाशीष दास ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हाल में जनजातीय कल्याण मंत्री बिकाश देबबर्मा ने छात्रावासों की कार्यप्रणाली की समीक्षा बैठक की थी। बैठक में छात्रावासों में छात्रों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कई निर्णय लिये गये।’’
उन्होंने कहा कि पहले चरण में विभाग के प्रत्यक्ष नियंत्रण वाले छात्रावासों में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की जाएगी।
दास ने कहा, ‘‘छात्रावास में रहने वालों को सुबह और शाम दो बार अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इससे न केवल उपस्थिति की निगरानी में पारदर्शिता आएगी बल्कि छात्रावासों के संचालन में कथित अनियमितताओं की जांच में भी मदद मिलेगी।’’
उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में यह प्रणाली टीटीएएडीसी और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा संचालित छात्रावासों में लागू की जाएगी। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 164 में से 100 छात्रावासों में पहले चरण में ‘स्मार्ट क्लास’ की सुविधा दी जाएगी।
इसके अलावा सभी छात्रावासों में ‘5जी’ इंटरनेट सुविधा से युक्त डिजिटल लाइब्रेरी और सौर ऊर्जा आधारित बिजली की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने कहा कि छात्रावासों में स्वच्छता और हरियाली बनाए रखने को बढ़ावा देने के लिए उपमंडल, जिला और राज्य स्तर पर ‘स्वच्छ और हरित पुरस्कार’ योजना लागू की जाएगी।
दास ने बताया कि सभी छात्रावासों में प्रभावी प्रबंधन के लिए अधीक्षक नियुक्त करने का प्रस्ताव भी सरकार को भेजा गया है।
भाषा राखी सुरभि
सुरभि
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.