scorecardresearch
Sunday, 17 November, 2024
होमदेशचुनावी जीत को विचारधारा की जीत मान लेना ‘अपराध’, पिछली पीढ़ी के नेताओं ने शायद यही किया: खेड़ा

चुनावी जीत को विचारधारा की जीत मान लेना ‘अपराध’, पिछली पीढ़ी के नेताओं ने शायद यही किया: खेड़ा

Text Size:

नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पांच राज्यों के हालिया विधानसभा चुनावों में हार के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों के निराश होने का हवाला देते हुए शनिवार को कहा कि चुनावी जीत को विचारधारा की जीत मान लेना ‘सबसे बड़ा अपराध’ है और शायद यही अपराध पिछली पीढ़ी के नेताओं ने किया।

उन्होंने एक वीडियो संदेश में यह भी कहा कि कांग्रेस को संघर्ष का लंबा सफर तय करना है और इसमें निराशा और हताशा से काम नहीं चलेगा।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता के मुताबिक, ‘‘कांग्रेस के कई लोगों ने मीम्स, व्हाट्सअप संदेश भेजकर अपना गुस्सा जताया और सवाल उठाया। कुछ लोगों के सवाल थे कि क्या महंगाई, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, कोरोना कुप्रबंधन कोई भी मुद्दा लोगों के लिए मायने नहीं रखता? कुछ लोगों ने कांग्रेस की कमियां गिनाईं। कुछ लोगों ने कहा कि क्या अब देश में इस तरह की विचारधारा के लिए कोई स्थान नहीं है?’’

उन्होंने कहा, ‘‘हताश होने, मन छोटा करने से रास्ता और लंबा हो जाएगा। जिस विचारधारा से हम लोग लड़ रहे हैं, उसका सफर देख लीजिए। उन्हें कितने साल लगे यहां तक आने में। उनके रास्ते अलग हैं, मंजिलें अलग हैं, उनके खिलाफ हम लड़ते रहेंगे, यह अलग बात है, लेकिन उनका सफर तो हमें देखना होगा। हम पांच-सात साल में थककर बैठ जाएंगे, यह तो सही नहीं है।’’

खेड़ा ने जोर देकर कहा, ‘‘यह आने वाले कई वर्षों की लड़ाई है। इस दौरान शायद हमें जीत भी मिले। लेकिन इस जीत को विचारधारा की जीत मान लेना सबसे बड़ा अपराध होगा। हमसे पहले की पीढ़ी के नेताओं ने शायद यही किया। चुनाव जीत गए तो सोचा कि विचारधारा की लड़ाई खत्म हो गई। चुनाव की जीत और विचारधारा की लड़ाई अलग-अलग है।’’

उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने का प्रयास करते हुए कहा, ‘‘क्या पतझड़ कभी जड़ों को मायूस कर पाता है? हमें फिर से संघर्ष पथ पर जाना है। हमारे लिए यही विकल्प है।’’

भाषा हक हक दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments