पटना, 25 जनवरी (भाषा) जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को नाटककार दया प्रकाश सिन्हा के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने और साहित्य अकादमी पुरस्कार जीतने वाले उनके नाटक, जिसमें कथित तौर पर सम्राट अशोक को बदनाम किया गया था, पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुशवाहा ने दावा किया कि सिन्हा ने अपने नाटक में अशोक को अपमानजनक तरीके से चित्रित किया है और हाल ही में एक साक्षात्कार में मौर्य सम्राट की तुलना मुगल शासक औरंगजेब से करके उनका अपमान किया।
वैशाली जिला से शौर्य यात्रा निकालने वाले कुशवाहा ने कहा, ‘‘सिन्हा ने यह काम अनजान नहीं किया है। वह एक ऐसी मानसिकता का प्रतीक हैं जो मगध के महान शासक सम्राट अशोक के अपमान यह परखने के लिए कर रही है कि हम विरोध में उठ सकते हैं या नहीं।’’
उन्होंने सिन्हा के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘अशोक बिहार का गौरव और राष्ट्रीय प्रतीक हैं। उनका अपमान देश का अपमान है।’’
‘‘गैर राजनीतिक’’ संगठन महात्मा फुले समता परिषद द्वारा आयोजित कुशवाहा की यह यात्रा वैशाली में एक बौद्ध स्थल पर शुरू हुई और पाटलिपुत्र के प्राचीन शहर के पुरातत्व अवशेषों के लिए प्रसिद्ध पटना के कुम्हरार पार्क में समाप्त हुई।
कुशवहा ने कहा, ‘‘यह एक गैर राजनीतिक कार्यक्रम है लेकिन मैं अपनी पार्टी जदयू को हमारी मांग का समर्थन करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, सिन्हा को दिया गया पुरस्कार वापस लेने की हमारी मांग का समर्थन कर रहे हैं।’’
पिछले कुछ वर्षों में अपनी खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करने की कोशिश में लगी जदयू ने अपने सहयोगी भाजपा को उत्तर प्रदेश से जुड़े नाटककार की लगातार आलोचना कर आश्चर्यचकित कर दिया है।
विदित हो कि कलिंग के खिलाफ जीत के बाद अहिंसा का रास्ता अपनाने वाले सम्राट अशोक के जीवन पर आधारित नाटक के लिए सम्मानित सिन्हा ने एक प्रकाशन को हाल में दिए एक साक्षात्कार में अशोक के बारे में कई अभद्र टिप्पणी की थी जिसमें दावा किया गया था कि ये उनके द्वारा किए गए ऐतिहासिक शोध पर आधारित है।
कोईरी और कुर्मी समाज का समर्थन प्राप्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अख्तियार किया था। मौर्य वंश की स्थापना सम्राट अशोक के दादा चंद्रगुप्त मौर्य ने की थी, जिन्हें ओबीसी आइकन माना जाता है।
भाषा अनवर अर्पणा
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