नयी दिल्ली, 29 अगस्त (भाषा) ट्रेन नियंत्रकों ने उनकी कार्य स्थितियों में सुधार के लिए एक समिति गठित करने के रेलवे बोर्ड के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह काफी समय से लंबित था।
ट्रेन नियंत्रकों ने कहा कि बोर्ड का यह निर्णय भारतीय रेलवे के नियंत्रण विभाग में बहुत जरूरी सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
रेलवे बोर्ड ने 27 अगस्त को ट्रेन नियंत्रकों की कार्य स्थिति पर गौर करने और सुधार के लिए सुझाव देने हेतु छह सदस्यीय समिति के गठन का आदेश जारी किया था। बोर्ड ने यह आदेश तब दिया था जब अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ने वेतनमान, रिक्तियों, भर्ती प्रक्रिया और बुनियादी सुविधाओं सहित अन्य मुद्दों पर चिंता जतायी थी।
एक रेल डिवीजन के ट्रेन नियंत्रक ने कहा, ‘हम रेलवे बोर्ड के फैसले की सराहना करते हैं, क्योंकि यह काफी समय से लंबित था। सुरक्षित और कुशल ट्रेन परिचालन सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे के नियंत्रण विभाग को कई सुधारों की तत्काल आवश्यकता है।’
उन्होंने कहा कि आरडीएसओ रिपोर्ट में सेक्शन नियंत्रकों की चुनौतियों को काफी हद तक शामिल किया गया है, लेकिन डिवीजन के साथ-साथ सेक्शन स्तर पर कई अन्य मुद्दे भी हैं जिन पर समिति को विचार करना चाहिए।
कार्य के तनाव का उल्लेख करते हुए नियंत्रकों ने कहा कि कागजों में मुख्य नियंत्रकों की ड्यूटी आठ घंटे की है, लेकिन अत्यधिक कार्यभार और प्रशासनिक दबाव के कारण उन्हें हमेशा अधिक घंटों तक काम करना पड़ता है।
डिवीजनल नियंत्रकों का सुझाव है कि ट्रेन नियंत्रकों के लिए न्यूनतम ग्रेड वेतन 4800 रुपये से शुरू होना चाहिए और जैसे-जैसे वे अधिक अनुभवी और वरिष्ठ होते जाते हैं, यह 5400 रुपये और फिर 6600 रुपये तक जाना चाहिए।
एक वरिष्ठ ट्रेन नियंत्रक ने कहा, ‘मुख्य नियंत्रक और प्रभारी को राजपत्रित अधिकारी के समकक्ष होना चाहिए। सभी नियंत्रकों को किसी भी ग्रेड वेतन के बावजूद रात्रि ड्यूटी भत्ता दिया जाना चाहिए और केवल 6 घंटे का ड्यूटी रोस्टर होना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘विशेष ट्रेन नियंत्रक भत्ता मूल वेतन का 30 प्रतिशत होना चाहिए तथा रनिंग स्टाफ के बराबर सेवानिवृत्ति लाभ दिया जाना चाहिए। एक नियंत्रक को कितने स्टेशन को संभालना चाहिए, यह तय करने के लिए एक निश्चित मानक होना चाहिए। बालासोर ट्रेन दुर्घटना के बाद, नियंत्रकों का कार्यभार कई गुना बढ़ गया है, क्योंकि ट्रेन संचालन से संबंधित बहुत सारे डेटा को सिस्टम में फीड करना पड़ता है।’
एक अन्य वरिष्ठ नियंत्रक ने कहा, ‘जैसा कि हम सभी जानते हैं कि नियंत्रण विभाग भारतीय रेलवे का मुख्य केंद्र है, बेहतर परिसंपत्ति उपयोग और उत्पादकता के लिए प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया जाना चाहिए। मैं यह भी सुझाव देता हूं कि नियंत्रण विभाग की जनशक्ति आवश्यक संख्या से 30 प्रतिशत अधिक होनी चाहिए, ताकि नियंत्रकों के अवकाश पर जाने की स्थिति में भी काम प्रभावित न हो।’
भाषा
अमित पवनेश
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