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Friday, 1 November, 2024
होमदेशदिल्ली में बढ़ते कोरोना प्रकोप से सहमे व्यापारी, ऑनलाइन सर्वे में 88% से अधिक बाजार फिर से बंद करने के पक्ष में

दिल्ली में बढ़ते कोरोना प्रकोप से सहमे व्यापारी, ऑनलाइन सर्वे में 88% से अधिक बाजार फिर से बंद करने के पक्ष में

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा व्यापारियों के बीच एक सर्वे करवाया गया. व्यापारियों का मानना है कि बाजारों के खुले होने की वजह से भी कोरोना वायरस ओर तेजी से फैलेगा.

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नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोनावायरस के मामले बढ़ने की वजह से एक बार फिर बाजार बंद किए जा सकते हैं. इस संदर्भ में दिल्ली के व्यापारियों की राय भी ली गई है. इनमें 92.8 प्रतिशत व्यापारियों ने माना है कि बाजारों के खुलने से कोरोना तेजी से फैल रहा है. 88.1 फीसीद बाजार बंद करने के पक्ष में दिखे. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने एक ऑनलाइन सर्वे की जानकारी केंद्रीय मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री सहित दिल्ली के उपराज्यपाल और सीएम से भी साझा की है.

व्यापारियों का मानना है कि दिल्ली में जिस तरह के हालात निर्मित हो रहे हैं वे बेहद चिंताजनक हैं. इसलिए बाजार खोलने या बंद करने को लेकर चर्चा होनाी चाहिए.

कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने दिप्रिंट हिंदी से कहा, दिल्ली में बढ़ते कोरोना को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी, दिल्ली के उपराज्यपाल ​अनिल बैजल सहित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी एक पत्र भेजकर हमने बैठक का आग्रह किया है. हाल ही में कैट ने इस मुद्दे पर दिल्ली के व्यापारी संगठनों और प्रमुख व्यापारियों से एक ऑनलाइन सर्वे भी कराया था. इस सर्वे में लोगों ने दिल्ली की वर्तमान हालत पर चिंता जताई. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के व्यापारी कोरोना को लेकर बेहद मानसिक तनाव में हैं.


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खंडेलवाल ने आगे कहा, हाल ही में हमने एक ऑनलाइन सर्वे भी किया था. इसके माध्यम से व्यापारियों से कुछ सवाल पूछे गए थे. इसमें 99.4 प्रतिशत व्यापारियों ने यह माना कि दिल्ली में कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है. इसके अलावा 92.8 प्रतिशत व्यापारियों ने अपनी राय में कहा कि बाजारों के खुलने से संक्रमण फैल रहा है. इसके अलावा 96.6 प्रतिशत व्यापारी दिल्ली में बढ़ते मामलों को लेकर बेहद चिंतित और डरे हुए हैं. वहीं कोरोना से व्यापारियों और ग्राहकों को बचाने के लिए 88.1 प्रतिशत बाजार बंद करने के पक्ष में नजर आए. जबकि सर्वे में 92.7 प्रतिशत व्यापारियों ने माना कि दिल्ली में जो चिकित्सा सेवाएं है वह कोरोना संक्रमण के लिहाज से ठीक नहीं हैं.

उन्होंने आगे कहा, जिस तरह के हालत दिल्ली में बनी हुई है और उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में चिकित्सा सुविधाओं पर टिपण्णी की है वो दिल्ली की हालत को सही रूप में दर्शाता है. आज व्यापारी अपनी दुकान खोल कर बैठा है. इस वजह से व्यापारी या उनके कर्मचारी आसानी से कोरोना के शिकार हो सकते हैं क्योंकि रोज व्यापारियों की दुकानों पर अनजान लोग सामान खरीदने आते हैं. व्यापारियों की सारे सुरक्षा उपाय करने के बावजूद भी कोरोना संक्रमण का खतरा बना रहता है.

खंडेलवाल का कहना है कि इस मामले पर अंतिम निर्णय लेने से पहले कैट ने रविवार दोपहर को दिल्ली के सभी प्रमुख व्यापारी संगठन की एक वीडियों कान्फ्रेंस भी बुलाई है. इसमें सर्वे की रिपोर्ट रखी जाएगी. दिल्ली के सभी व्यापारी मिलकर निर्णय करेंगे कि दिल्ली के बाज़ारों को खुला रखा जाए या बंद किया जाए.

वहीं इस निर्णय से पहले सरकार का क्या नजरिया है इसको जानने के लिए ही कैट ने नेताओं को पत्र भेजकर उनसे मिलने का आग्रह किया है.


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दिल्ली में कोरोनावायरस का संक्रमण बहुत ही तेजी से फैल रहा है. शुक्रवार शाम को आए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 2137 नए मामले सामने आए जिससे संक्रमितों का आंकड़ा 36,824 हो गया है. बीते 24 घंटों में 667 मरीज ठीक हुए हैं. अब तक कुल 13,398 मरीज ठीक हो चुके हैं. पिछले 24 घंटों में 71 मरीजों की मौत हुई. दिल्ली में अब तक कुल 1214 लोगों की मौत कोरोनावायरस के संक्रमण से हो चुकी है. दिल्ली में अभी भी 22,212 एक्टिव केस हैं. वहीं भारत में कोरोना के मामलों की संख्या 3 लाख के पार पहुंच चुकी है.

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