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कोलकाता, 23 सितंबर (भाषा) कोलकाता में मंगलवार को मूसलाधार बारिश के कारण कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से नौ व्यक्तियों की मृत्यु बिजली का करंट लगने से हुई। लगभग चार दशक के बाद हुई इतनी भारी बारिश के कारण हवाई, रेल और सड़क परिवहन प्रभावित हुआ। शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं और राज्य सरकार को दो दिन पहले ही दुर्गा पूजा की छुट्टियां घोषित करनी पड़ी।
चौबीस घंटे से भी कम समय में हुई 251.4 मिलीमीटर बारिश 1986 के बाद सबसे अधिक है। उस साल 259.5 मिलीमीटर बारिश हुई थी। इसके अलावा यह बीते 137 साल में एक दिन में छठी सबसे अधिक बारिश है। साल 1888 में 253 मिलीमीटर बारिश हुई थी।
बारिश के कारण मुख्य सड़कों की हालत नदियों जैसी हो गई। मेट्रो और ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं और हवाई यात्रा भी प्रभावित हुई है। अगले सप्ताह दुर्गा पूजा से पहले शहर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारी बारिश को ‘‘अभूतपूर्व’’ बताया तथा फरक्का बैराज से गाद न निकालने और निजी बिजली कंपनी सीईएससी की चूक की आलोचना की। साथ ही उन्होंने लोगों से अपनी सुरक्षा के लिए घरों के अंदर रहने की अपील की।
ममता ने डिजिटल माध्यम से एक संबोधन में कहा, “मैंने ऐसी बारिश पहले कभी नहीं देखी। कुल दस लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से नौ की मौत खुले तारों की वजह से करंट लगने के कारण हुई है। कोलकाता में आठ जबकि उत्तर 24 परगना के शाशन व दक्षिण 24 परगना के अमतला से सटे इलाकों में दो लोगों की मौत हुई है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सीईएससी को उनके परिवारों के सदस्यों को नौकरी देनी चाहिए। सीईएससी को कम से कम पांच लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि कोलकाता और आसपास के इलाकों में बिजली की आपूर्ति कलकत्ता बिजली आपूर्ति निगम (सीईएससी) करता है, राज्य सरकार नहीं।
बनर्जी ने कहा, “यह सुनिश्चित करना उसका कर्तव्य है कि लोगों को इसकी वजह से परेशानी न हो। वे यहां व्यापार तो करेंगे, लेकिन क्या वे आधुनिकीकरण नहीं करेंगे? उसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए।”
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि सभी सरकारी शिक्षण संस्थान 24 और 25 सितंबर को बंद रहेंगे।
शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा, “स्थिति को देखते हुए, सरकारी संस्थानों में दुर्गा पूजा की छुट्टियां पहले ही घोषित कर दी गई हैं।”
कलकत्ता विश्वविद्यालय और यादवपुर विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक गतिविधियां स्थगित कर दी हैं, जबकि निजी स्कूलों ने या तो छुट्टियां घोषित कर दी हैं या ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी हैं।
कई लोगों ने जल्दी-जल्दी अपना सामान ऊपरी मंजिल पर पहुंचाया, जबकि गरियाहाट और कॉलेज स्ट्रीट के व्यापारी किताबों, कपड़ों और इलेक्ट्रॉनिक सामान के भीगे हुए स्टॉक को बचाने की कोशिश कर रहे थे।
मोटरसाइकिलें और कारें नावों की तरह डगमगा रही थीं, बसें बीच रास्ते में ही खराब हो गईं, और यात्री अपना सामान सिर पर उठाए बाढ़ के गंदे पानी में नंगे पांव चल रहे थे।
दफ्तर जाने वालीं रूपा चटर्जी ने कहा, “मुझे लेक गार्डन्स से रासबिहारी एवेन्यू तक कमर तक भरे पानी में लगभग तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। मुझे नहीं पता कि मैं घर कैसे पहुंचूंगी।”
ऐप आधारित कैब में फंसे लोगों ने अत्यधिक किराया वसूलने की शिकायत की, जबकि कई अन्य लोग बस स्टॉप पर घंटों इंतज़ार करते रहे।
पार्क सर्कस में एक यात्री ने कहा, “ऑटो वालों ने चलने से इनकार कर दिया, कैब वालों ने 600 रुपये मांगे जबकि आमतौर पर किराया 150 रुपये होता है। हम असहाय हो गए।”
महापौर और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने स्वीकार किया कि नगर निगम की टीमों के लगातार पंपिंग करने के बावजूद शहर के अधिकांश हिस्से जलमग्न हैं।
उन्होंने कहा, ‘नहरें और नदियां पानी से लबालब भरी हैं, और पहले से भरा पानी निकालने से पहले ही शहर के अंदर और पानी आ जाता है। आज रात के बाद ही स्थिति में सुधार हो सकता है।”
ईएम बाईपास, एजेसी बोस रोड और सेंट्रल एवेन्यू जैसी मुख्य सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं, जबकि पार्क सर्कस, गरियाहाट, बेहाला और कॉलेज स्ट्रीट जैसे प्रमुख चौराहों पर घंटों यातायात धीमा रहा।
सुबह से ही शहीद खुदीराम और मैदान स्टेशनों के बीच मेट्रो सेवाएं स्थगित कर दी गईं, केवल दक्षिणेश्वर-मैदान खंड पर ही मेट्रो का सीमित संचालन हुआ।
पूर्वी रेलवे ने सियालदह दक्षिण खंड में परिचालन रोक दिया, जबकि उत्तर और मुख्य खंड में थोड़ी-बहुत सेवाओं के संचालन का प्रयास किया गया।
चितपुर यार्ड में जलभराव के कारण सर्कुलर रेलवे सेवाएं स्थगित कर दी गईं।
हवाई यात्रा भी बुरी तरह प्रभावित हुई। भारी बारिश के कारण कम से कम 30 उड़ानें रद्द कर दी गईं और 31 अन्य के संचालन में देरी हुई।
आईएमडी ने कहा कि दक्षिण और पूर्वी कोलकाता में बारिश की तीव्रता सबसे अधिक रही।
गरिया कामदहारी में कुछ ही घंटों में 332 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद जोधपुर पार्क (285 मिलीमीटर), कालीघाट (280 मिमी), तोपसिया (275 मिमी) और बल्लीगंज (264 मिमी) में बारिश दर्ज की गई।
उत्तरी कोलकाता के थंथानिया में 195 मिमी बारिश दर्ज की गई।
मौसम विभाग ने बुधवार तक पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना, झारग्राम और बांकुरा जिलों में और भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है। 25 सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की आशंका है।
बनर्जी ने कहा, ‘यह बारिश बहुत ही असामान्य है। यहां तक कि हमारे मकान भी जलमग्न हैं, हम सब परेशान हैं। मुझे पूजा पंडालों के लिए भी बहुत बुरा लग रहा है। स्कूलों को छुट्टियां घोषित करने के लिए कहा गया है और कार्यालय जाने वालों को आज और कल घर पर रहने की सलाह दी गई है।’’
बनर्जी ने यह भी बताया कि वह महापौर, मुख्य सचिव और पुलिस के लगातार संपर्क में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘फरक्का की ठीक से सफाई नहीं हुई है, इसलिए हर बार जब बारिश होती है, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मुंबई, दिल्ली, हर जगह जलभराव हो जाता है। इस बार बारिश थोड़ी असामान्य है।’’
उन्होंने आगे और भी बदतर स्थिति होने की आशंका जताते हुए कहा कि गंगा में उच्च ज्वार के कारण जल निकासी में बाधा आएगी क्योंकि नदी पहले से ही ऊपरी राज्यों से पानी आने के कारण उफान पर है।
भाषा जोहेब अविनाश
अविनाश
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