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Saturday, 20 April, 2024
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दिशा रवि की रिहाई की मांग पर एकजुट हुआ विपक्ष, सामाजिक और पर्यावरण से जु़ड़े कार्यकर्ता

जलवायु कार्यकर्ता थनबर्ग ने तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिए ‘टूलकिट’ साझा किया था. जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया और दिशा रवि को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है.

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नई दिल्ली: जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. राजनीतिक पार्टियों से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविदों ने ‘टूलकिट’ दस्तावेज मामले में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को तत्काल रिहा करने की मांग की है और सरकार से कहा है कि वह भारत के युवाओं को निशाना बनाना बंद करे.

पुलिस ने बताया कि रवि (22) को केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध- प्रदर्शन से संबंधित टूलकिट ग्रेटा थनबर्ग के साथ कथित तौर पर साझा करने के लिए शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था.

दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि रवि ‘टूलकिट गूगल दस्तावेज’ की एडिटर होने के साथ ही दस्तावेज तैयार करने और उसके प्रसार की ‘प्रमुख साजिशकर्ता’ थी.

राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने रवि की गिरफ्तारी की निंदा की है.


य़ह भी पढ़ा: किसान प्रदर्शन संबंधी ‘टूलकिट’ साझा करने के मामले में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि बेंगलुरू से गिरफ्तार

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राहुल ने कहा: भारत खामोश नहीं होने वाला है

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान आंदोलन से जुड़ी ‘टूलकिट ’ सोशल मीडिया पर साझा करने के मामले में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर सोमवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि भारत खामोश नहीं होने वाला है.

उन्होंने दिशा की गिरफ्तारी से जुड़ी खबर साझा करते हुए ट्वीट किया , ‘ बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे, बोल कि सच ज़िंदा है अब तक! वो डरे हैं, देश नहीं!’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘भारत खाामोश नहीं होने वाला है.’

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी इसी मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘डरते हैं बंदूकों वाले एक निहत्थी लड़की से, फैले हैं हिम्मत के उजाले एक निहत्थी लड़की से.’

पुलिस ने आरोप लगाया कि भारत के खिलाफ वैमनस्य फैलाने के लिए रवि और अन्य ने खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ के साथ साठगांठ की.

दिशा रवि की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला: केजरीवाल

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिशा रवि की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे ‘लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला’ करार दिया. केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘ 21 वर्षीय दिशा की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला है. हमारे किसानों का समर्थन करना कोई अपराध नहीं है.’

वहीं आप पार्टी के राघव चड्ढा ने भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार पर हमला बोला है. राघव ने कहा,’ भाजपा की केंद्र सरकार ने युवा एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया है जिसकी आम आदमी पार्टी कड़ी निंदा करती है.

300 सांसदों वाली भाजपा की विशाल सरकार 21 साल की युवा एक्टिविस्ट से इतनी डरती है कि दिल्ली पुलिस को भेज कर उसे गिरफ्तार करती है.56 इंच की छाती वाली सरकार एक 21 साल की स्टूडेंट से डर गई हैं .
राघव ने आगे कहा, सुप्रीम कोर्ट ने BJP सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर किसी व्यक्ति की एक दिन की अभिव्यक्ति से खिलवाड़ होता है तो वो देश के संविधान के खिलाफ है.

युवा मजबूती से अपनी बात रखते आए है लेकिन BJP को युवा पसंद नहीं है इसीलिए 21 साल की युवा एक्टिविस्ट को गिरफ्तार किया है.

दिशा रवि बेंगलुरु के एक निजी कॉलेज से बीबीए की डिग्री धारक हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा ने भी दिशा की रिहाई की मांग की है. एसकेएम ने साथ ही हरियाणा के कृषि मंत्री जे पी दलाल की तीन कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों की मौत को लेकर टिप्पणी की भी निंदा की और चेतावनी दी कि लोग उन्हें इस तरह के ‘अहंकार’ के लिए एक दिन सबक सिखाएंगे.

एसकेएम नेता दर्शन पाल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘सरकार ने संसद में बेशर्मी से स्वीकार किया कि उसके पास उन किसानों का कोई आंकड़ा नहीं है, जिन्होंने जारी आंदोलन में अपनी जान कुर्बान की.’

उन्होंने कहा, ‘एसकेएम ने एक ब्लॉग साइट बनायी है जहां सरकार चाहे तो ऐसा डेटा आसानी से उपलब्ध है. यह वही निष्ठुरता है जिसके परिणामस्वरूप अब तक लोगों की जान गई है.’

रवि की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए एसकेएम ने कहा कि वह ‘किसानों के समर्थन में खड़ी थीं.’ एसकेएम ने बयान में कहा, ‘हम उनकी तत्काल बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं.’

पर्यावरणविद और समाजिक कार्यकर्ता भी उतरे विरोध में

‘ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन्स एसोसिएशन’ की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि रवि जैसे लोग भारत की सबसे सर्वश्रेष्ठ उम्मीद हैं क्योंकि उन्हें सिर्फ खुद की ही नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों की चिंता है.

उन्होंने कहा, ‘हम वर्तमान में लोकतंत्र की तरह व्यवहार नहीं कर रहे हैं. यदि हम विरोध की बराबरी साजिश से करेंगे और विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की बराबरी साजिश के साथ करेंगे तो आप अब लोकतंत्र नहीं हैं.’

उन्होंने कहा, ‘उन्हें तुरंत पूरी तरह से कमजोर, हास्यास्पद आधार पर आधारित इस मामले को वापस लेना चाहिए. एक टूलकिट राजद्रोह नहीं है, यह कोई साजिश नहीं है, टूलकिट विरोध के लिए है.’

अधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने भी रवि की गिरफ्तारी के आधार पर सवाल उठाया और कहा कि स्थानीय अभियान संचालित करने वाला व्यक्ति भी टूलकिट तैयार करता है.

उन्होंने कहा, ‘हमें प्रधानमंत्री के अभियान टूलकिट को देखना चाहिए. हम बेतुकेपन की सीमा पार कर रहे हैं. हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हंसी का पात्र बन जाएंगे.’

दिल्ली स्थित ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट’ की प्रमुख सुनीता नारायण ने भी गिरफ्तार कार्यकर्ता को अपना समर्थन दिया.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘हम जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन एक लंबे समय के लिए खतरा है. इस पर अधिक कार्रवाई के वास्ते दुनिया को युवाओं के लगन और प्रतिबद्धता के साथ ही उनकी मुखर आवाज की जरूरत है. दिशा रवि को रिहा किया जाए.’

नौ वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता लिसीप्रिया कांगुजम ने इसे देश में युवा लड़कियों और महिलाओं की आवाज़ को चुप कराने का प्रयास बताया.

कांगुजम ने ट्वीट किया, ‘यह इस देश में युवा लड़कियों और महिलाओं की आवाज़ को चुप कराने का एक प्रयास है. लेकिन यह हमें अपने ग्रह और भविष्य के लिए लड़ने से नहीं रोक पाएगा.’

50 से अधिक शिक्षाविद, कलाकार और समाजिक कार्यकर्ताओं का जारी बयान

50 से अधिक शिक्षाविदों, कलाकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक संयुक्त बयान में रवि के समर्थन में आवाज उठाई और उनकी गिरफ्तारी को ‘परेशान करने वाला’, ‘प्रकृति में अवैध’ और ‘सरकार की जरूरत से अधिक प्रतिक्रिया’ वाला बताया.

‘कोएलिशन फॉर एन्वायरमेंटल जस्टिस इन इंडिया’ के बैनर तले जारी बयान में इसे जनता का ध्यान बंटाने का प्रयास भी कहा गया.

इसमें कहा गया है, ‘यह और भी स्पष्ट होता जा रहा है कि केंद्र सरकार की मौजूदा कार्रवाई लोगों को वास्तविक मुद्दों जैसे ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमत, व्यापक बेरोजगारी और बिना किसी योजना के लॉकडाउन के कारण उत्पन्न संकट और पर्यावरण की खतरनाक स्थिति से ध्यान बंटाने की रणनीति है.’

समूह द्वारा एक ऑनलाइन अर्जी शुरू की गई है जिसमें जलवायु कार्यकर्ता की तत्काल रिहाई की मांग की गई है.

पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड़ ने कहा कि यह घटना जलवायु कार्यकर्ताओं के लिए हतोत्साहित करने वाली होगी.

उन्होंने कहा, ‘हम मामले के गुणदोष में नहीं जा सकते क्योंकि जांच जारी है, लेकिन यह घटना जलवायु कार्यकर्ताओं के लिए हतोत्साहित करने वाली होगी….’

जलवायु कार्यकर्ता थनबर्ग ने तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिए ‘टूलकिट’ साझा किया था. दस्तावेज में, ट्विटर पर अधिक संख्या में संदेश ट्वीट करने और भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध- प्रदर्शन करने सहित विभिन्न आवश्यक कार्रवाई सूचीबद्ध की गई थी ताकि किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया जा सके.

पुलिस ने कहा है कि ‘बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन’ में स्नातक रवि ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया’ नामक समूह के संस्थापक सदस्यों में से एक है.


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