scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमदेशज्ञान और रिसर्च को सीमित करना देश की क्षमता के साथ अन्याय : पीएम मोदी

ज्ञान और रिसर्च को सीमित करना देश की क्षमता के साथ अन्याय : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री शिक्षा क्षेत्र के लिये बजट प्रस्तावों के क्रियान्वयन पर एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने स्थानीय भाषा के उपयोग को प्रोत्साहित किया है.

Text Size:

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा और कृषि जैसे कई क्षेत्रों में प्रतिभाशाली युवाओं के लिये दरवाजे खुल रहे हैं. उन्होंने कहा कि ज्ञान और अनुसंधान को सीमित करना देश की संभावनाओं के साथ बड़ा अन्याय है.

प्रधानमंत्री शिक्षा क्षेत्र के लिये बजट प्रस्तावों के क्रियान्वयन पर एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने स्थानीय भाषा के उपयोग को प्रोत्साहित किया है. अब यह सभी भाषाविदों और हर भाषा के विशेषज्ञों की जिम्मेदारी है कि वे भारतीय भाषाओं में देश व दुनिया की सर्वोत्तम सामग्रियां उपलब्ध कराएं. उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रौद्योगिकी के इस युग में, यह निश्चित रूप से संभव है.

मोदी ने कहा कि शिक्षा, कौशल, अनुसंधान और नवाचार पर बजट में स्वास्थ्य के बाद सबसे अधिक ध्यान दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय बजट ने शिक्षा को रोजगार और उद्यमशीलता की क्षमता से जोड़ने के हमारे प्रयासों को व्यापक बनाया है. इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारत आज वैज्ञानिक प्रकाशनों के मामले में शीर्ष तीन देशों में शामिल है.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ज्ञान और अनुसंधान को सीमित करना देश की क्षमता के साथ एक बड़ा अन्याय है. उन्होंने कहा, ‘इसी दृष्टिकोण के साथ, हमारे प्रतिभाशाली युवाओं के लिये अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, डीआरडीओ, कृषि जैसे कई क्षेत्रों के दरवाजे खोले जा रहे हैं.’

मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने के लिए देश के युवाओं में आत्मविश्वास महत्वपूर्ण है. यह आत्मविश्वास तभी आएगा, जब युवाओं को अपनी शिक्षा और ज्ञान पर पूरा विश्वास होगा.


यह भी पढ़ेंः कृषि स्टार्ट-अप को बढ़ाने और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में क्रांति की जरूरत : पीएम मोदी


 

share & View comments