नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) कांग्रेस ने अमर जवान ज्योति की लौ का राष्ट्रीय समर स्मारक पर जल रही लौ के साथ विलय किए जाने को लेकर शुक्रवार को आरोप लगाया कि यह कदम सैनिकों के बलिदान के इतिहास को मिटाने की तरह है।
मुख्य विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कि इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति की आभा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के साथ और सुशोभित होती।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘ बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…, हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!’’
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘स्वतंत्रता संग्राम के रणबांकुरों और देश की सुरक्षा में शहीद हुए लाखों सूरमाओं के बीच कोई विवाद या प्रतिस्पर्धा हो ही नहीं सकती। ये बहस उत्पन्न करना ही व्यर्थ एवं दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि सभी का योगदान मां भारती के लिए अमूल्य व अमिट है।’’
उनके मुताबिक, ‘‘शहीदों व सेनानियों की क़ुर्बानी की प्रतीक अमर जवान ज्योति की आभा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के साथ और सुशोभित होती।’’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘आज़ाद हिंद फ़ौज और आज़ाद भारत के सैनिकों की क़ुर्बानी की ख़ुशबू मिल कर देश की आबोहवा को और सुगंधित करती। इसमें “एक हो या दूसरा हो” का विकल्प केवल वो ढूंढते हैं, जिन्हें देश की हर बात को “स्वार्थ सिद्धि और वाद-विवाद के एजेंडा” में बदलना है। इस मुद्दे पर कोई भी बहस करना व्यर्थ है। हम इस प्रायोजित एवं कृत्रिम वाद-विवाद की निंदा करते हैं।’’
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया, ‘‘अमर जवान ज्योति को बुझाना उस इतिहास को मिटाने की तरह है, जो पाकिस्तान के दो टुकड़े करने और दक्षिण एशिया के मानचित्र को बदलने वाले 3,483 बहादुर सैनिकों के बलिदान का प्रतीक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत ही विडंबनापूर्ण है कि बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के 50 साल पूरा होने के अवसर पर सरकार आजादी के बाद के सबसे बेहतरीन क्षण को मिटाने का प्रयास करती दिख रही है।’’
गौरतलब है कि इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति का शुक्रवार को यहां राष्ट्रीय समर स्मारक की लौ साथ विलय कर दिया गया।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि कि अमर जवान ज्योति की लौ को बुझाया नहीं जा रहा है, बल्कि राष्ट्रीय समर स्मारक में लौ के साथ मिलाया जा रहा है।
उनका कहना है कि यह देखकर विचित्र लगता है कि अमर जवान ज्योति की लौ 1971 एवं दूसरे युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए है, लेकिन इनमें से किसी का नाम वहां मौजूद नहीं है।
सरकारी सूत्रों ने यह भी कहा कि इंडिया गेट पर कुछ उन शहीदों के नाम अंकित हैं, जो प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो अफगान युद्ध में ब्रिटिश शासन के लिए लड़े और ऐसे में ये हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि सभी युद्धों में शहीद हुए भारतीयों के नाम राष्ट्रीय समर स्मारक में अंकित हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए वहां शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना एक सच्ची श्रद्धांजलि है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट किया, ‘‘अमर जवान ज्योति के संदर्भ में कई तरह की गलत सूचनाएं प्रसारित की जा रही हैं। सही बात यह है कि अमर जवान ज्योति की लौ को बुझाया नहीं जा रहा है। इसे राष्ट्रीय समर स्मारक की लौ के साथ मिलाया जा रहा है।’’
अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी, जो 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे। इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था।
भाषा हक
हक दिलीप
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