( तस्वीर सहित )
शिमला, एक सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश में कई जगहों पर भारी बारिश के बीच शिमला में भूस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में देर रात 35 वर्षीय व्यक्ति और उसकी बेटी समेत तीन लोगों की मौत हो गई।
शिमला जिला बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित है जहां रविवार शाम से 115.8 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है।
शिमला-कालका रेलवे मार्ग पर भूस्खलन के बाद छह ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और राज्य में 793 सड़कें बंद हैं।
स्थानीय मौसम विभाग ने सोमवार को ‘रेड अलर्ट’ जारी किया, जिसमें मंगलवार तक चार से छह जिलों के अलग-अलग इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी गई।
शिमला शहर के बाहरी क्षेत्र जुंगा के डबलू इलाके में रात के दौरान हुई भूस्खलन की घटना में वीरेंद्र कुमार और उनकी दस साल की बेटी की मौत हो गई। वीरेंद्र की पत्नी इस घटना में बच गईं क्योंकि वह घर से बाहर थीं।
एक अन्य घटना में शिमला के कोटखाई क्षेत्र के चोल गांव में सोमवार तड़के एक मकान के ढह जाने से उसके मलबे में एक बुजुर्ग महिला दब गई। महिला की पहचान कलावती के रूप में हुई है और उसका शव मलबे से बरामद किया गया है। सिरमौर के चौरास क्षेत्र में एक और मकान ढह गया।
शिमला जिले के रोहड़ू क्षेत्र के दयाल मोरी गांव में रविवार देर रात भूस्खलन के बाद एक महिला लापता हो गई, जबकि चार परिवारों के दस लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
रोहड़ू के उप-मंडल अधिकारी (एसडीएम) रमेश धमोत्रा ने कहा, ‘‘तीन मकानों में चार परिवार रह रहे थे। भूस्खलन में दो गौशालाएं पूरी तरह से दब गईं और आसपास के मकान भी खतरे में पड़ गए।’’
उन्होंने बताया कि बचाव कार्य के बाद कुलदीप, संदीप, प्रदीप और सोनफू राम के परिवारों को उसी गांव में कहीं और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
शिमला के पोर्टमोर सरकारी मॉडल स्कूल की एक दीवार गिर गई।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के एक ट्रांसफॉर्मर, एक आवासीय भवन और कर्मचारी आवास के ऊपर एक पेड़ उखड़ने के कगार पर था और खतरे की स्थिति में था।
राज्य की राजधानी के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन के कारण पानी की आपूर्ति बाधित हुई। आने वाले दिनों में भी पानी में गंदगी की अधिकता के कारण पानी की आपूर्ति प्रभावित रहेगी।
सोलन जिले में कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ और ट्रेन परिचालन प्रभावित हुआ।
रेलवे के अनुसार, कालका से शिमला जाने वाली ट्रेन संख्या 52451, 52453 और 52459, और शिमला से कालका जाने वाली ट्रेन संख्या 52452, 52454 और 52460 रद्द कर दी गई हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि जब तक रेलवे लाइन साफ नहीं हो जाती और इसे परिचालन के लिए सुरक्षित घोषित नहीं कर दिया जाता, तब तक ट्रेनों का परिचालन फिर से शुरू नहीं होगा।
सोमवार सुबह मानसर के पास एक पर्वतीय क्षेत्र से भूस्खलन होने के बाद चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा, ‘‘सोमवार को जिले के अधिकतर हिस्सों में शैक्षणिक संस्थान बंद रहे।’’
ठाकुर सेब उत्पादन क्षेत्र के प्रमुख केंद्र जुब्बल-कोटखाई से स्थानीय विधायक भी हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 1.30 करोड़ सेब की पेटियां (सेब उत्पादन का 50 प्रतिशत) मंडियों में पहुंचा दी गई हैं।
लाहौल और स्पीति जिले के सरचू और चंद्रताल में हल्की बर्फबारी हुई, जिसके कारण अधिकारियों ने यात्रियों के लिए चेतावनी जारी की है।
रविवार शाम से राज्य के कई हिस्सों में भारी से लेकर बहुत भारी बारिश हो रही है।
नांगल बांध में सबसे अधिक 220 मिलीमीटर बारिश हुई, इसके बाद रायपुर मैदान में 215 मिलीमीटर, नैना देवी में 192 मिलीमीटर, सोलन में 187 मिलीमीटर, नाहन में 177.8 मिलीमीटर, जट्टन बैराज में 170 मिलीमीटर और कसौली में 135 मिलीमीटर बारिश हुई। वहीं, ददाहू में 134 मिलीमीटर, मलरांव में 132 मिलीमीटर, रोहड़ू में 130 मिलीमीटर, धर्मपुर में 124.6 मिलीमीटर, ऊना में 117.4 मिलीमीटर और शिमला में 115.8 मिलीमीटर, पांवटा साहिब में 109.6 मिलीमीटर, कंडाघाट में 108.2 मिलीमीटर, बरथिन में 108 मिलीमीटर, 0.2 मिलीमीटर बारिश हुई।
आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार एनएच तीन (मंडी-धर्मपुर मार्ग), एनएच 305 (औट-सैंज), एनएच पांच (पुराना हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग), एनएच 707 (हाटकोटी से पांवटा मार्ग) और एनएच 907 (पांवटा से यमुना नदी, राज्य के 10 जिलों) सहित कुल 793 सड़कें अवरुद्ध हैं।
मंडी में कम से कम 266 सड़कें और कुल्लू जिले में 177 सड़कें बंद हैं।
एसईओसी के अनुसार, राज्य भर में बिजली के 2,174 ट्रांसफॉर्मर और 365 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं।
राज्य में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में अचानक बाढ़ आने के 91 मामले, बादल फटने की 45 घटनाएं और बड़े भूस्खलन की 95 घटनाएं हुई हैं।
एसईओसी के आंकड़ों के अनुसार, बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में कुल 320 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 4,098 मकान पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस मानसून में राज्य को 3,056 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
भाषा सुरभि मनीषा
मनीषा
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