पणजी, 26 अक्टूबर (भाषा) गोवा पुलिस ने रविवार को बताया कि पिछले कुछ दिनों में राज्य में बच्चों के अपहरण के प्रयास के तीन झूठे मामले सामने आए हैं और इन मामलों में बच्चों ने खुद ही इन कहानियों को गढ़ने का काम किया।
पुलिस अधीक्षक (उत्तर) राहुल गुप्ता ने बताया कि ये झूठे मामले उत्तरी गोवा के भुइपाल (सत्तारी), बिचोलिम और तालेगाओ से सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि वालपोई थानाक्षेत्र के भुइपाल गांव से एक मामला सामने आया था, जिसमें माता-पिता ने दावा किया था कि दो अज्ञात लोगों ने उनके 12 वर्षीय बेटे का अपहरण करने की कोशिश की।
माता-पिता ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि उनका बेटा अपनी मौसी के घर से लौट रहा था कि तभी उसका अपहरण करने की कोशिश की गई।
अधिकारी ने कहा, “हालांकि, हमें घटना की पुष्टि करने वाला कोई सबूत नहीं मिला। जांच से पता चला कि घटना शायद हुई ही नहीं।”
उन्होंने बताया कि बिचोलिम थाने में दर्ज एक ऐसी ही शिकायत में आरोप लगाया गया था कि चार लोगों ने अमोना गांव में 13 वर्षीय एक लड़के का अपहरण करने की कोशिश की थी और मामले की जांच व सबूतों से पता चला कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं थी।
अधिकारी ने कहा, “बच्चे ने खुद स्वीकार किया कि उसने पढ़ाई को लेकर माता-पिता के दबाव से बचने के लिए ऐसी बात कही थी।”
तीसरा मामला तालेगाओ का है, जहां दो अज्ञात लोगों पर 12 वर्षीय एक लड़के को अगवा करने के प्रयास का आरोप लगाया गया था।
उन्होंने कहा कि बच्चे ने बाद में स्वीकार किया कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी।
गुप्ता ने अपील की, “गोवा भर के माता-पिता और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे शांत रहें, अपुष्ट जानकारी फैलाने से बचें और अपने बच्चों को सच व जिम्मेदारी से बोलने की सलाह दें।”
उन्होंने बताया कि कुछ मामलों में, बच्चे पढ़ाई के दबाव के डर से या निजी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसी कहानियां गढ़ लेते हैं।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “मैं सभी विद्यार्थियों से आग्रह करता हूं कि वे गलत सूचना या समाज में दहशत फैलाने से बचें। इसके बजाय, उन्हें तनाव या कठिनाइयों का सामना करने पर अपने माता-पिता, शिक्षकों या स्कूल काउंसलर से बात करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। आइए, हम सब मिलकर एक सुरक्षित, जागरूक और जिम्मेदार समुदाय का निर्माण करें।”
भाषा जितेंद्र नेत्रपाल
नेत्रपाल
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