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गुरूवार, 8 मई, 2025
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मैसुरु के चिकित्सक के अपहरण-हत्या मामले में तीन दोषियों को जेल की सजा

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मलप्पुरम, 22 मार्च (भाषा) केरल की एक अदालत ने मैसुरु में पारंपरिक तरीके से इलाज का दावा करने वाले एक चिकित्सक के अपहरण और हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए तीन लोगों को कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

मलप्पुरम के नीलांबुर में साल 2019 में आरोपियों में से एक के घर पर चिकित्सक की नृशंस हत्या कर दी गई थी।

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम तुषार एम ने 60 वर्षीय चिकित्सक शबा शरीफ के अपहरण और हत्या से जुड़े मामले में मुख्य आरोपी शेबिन अशरफ को 13 साल नौ महीने की जेल की सजा सुनाई है।

लोक अभियोजक ईएम कृष्णन नम्बूदरी ने बताया कि अदालत ने अशरफ को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत आठ साल, धारा 347 (गलत तरीके से बंधक बनाना) के तहत तीन साल, धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दो साल और धारा 201 (साक्ष्य नष्ट करना) के तहत नौ महीने की सजा दी है। उन्होंने बताया कि आरोपी को दी गई सभी सजाएं एक के बाद एक चलेंगी।

नम्बूदरी के अनुसार, अदालत ने दूसरे दोषी शिहाबुद्दीन को धारा 120बी के तहत दो साल, धारा 347 के तहत तीन साल, धारा 365 (अपहरण) के तहत तीन साल और धारा 201 के तहत नौ महीने की सजा सुनाई है, जो एक साथ चलेंगी। यानी उसे कुल मिलाकर आठ साल और नौ महीने की सजा काटनी होगी।

नम्बूदरी के मुताबिक, तीसरे दोषी निषाद को धारा 120बी के तहत दो साल, धारा 347 के तहत तीन साल और धारा 201 के तहत नौ महीने की सजा सुनाई गई है। उन्होंने बताया कि निषाद को कुल मिलाकर पांच साल और नौ महीने की सजा काटनी पड़ेगी।

लोक अभियोजक के अनुसार, इसके अलावा अदालत ने तीनों दोषियों पर कुल 3.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है और कहा है कि दोषियों से उक्त राशि वसूलने के बाद इसे शबा शरीफ के परिजनों को दे दिया जाएगा।

अदालत ने 20 मार्च को तीनों आरोपियों को दोषी ठहराया था। उसने मामले के नौ अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था।

भाषा प्रीति पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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