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Sunday, 5 May, 2024
होमदेश'यह प्री ट्रायल कैद है', चिदंबरम बोले- शरजील और बाकियों को JMI हिंसा में 'बलि का बकरा' बनाया गया

‘यह प्री ट्रायल कैद है’, चिदंबरम बोले- शरजील और बाकियों को JMI हिंसा में ‘बलि का बकरा’ बनाया गया

कांग्रेस नेता और वकील ने कानूनी संस्था पर हमला बोलते हुए कहा, 'आरोपी द्वारा जेल में बिताए गए महीनों या वर्षों को कौन वापस करेगा?

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नई दिल्ली : कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने रविवार को एक ट्वीट थ्रेड में आरोप लगाया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध के दौरान 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया हिंसा में शारजील इमाम और 10 अन्य को ‘बलि का बकरा’ बनाया गया था.

अपने ट्वीट्स के जरिए, उन्होंने प्री-ट्रायल क़ैद के मुद्दे पर बात की और आरोप लगाया कि यह संविधान का अपमान और कानून का दुरुपयोग है. अपने ट्वीट में, कांग्रेस के दिग्गज नेता और वकील ने कहा, ‘दिल्ली की एक ट्रायल कोर्ट ने माना है कि 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई हिंसा की घटनाओं से जुड़े एक मामले में शारजील इमाम और 10 अन्य को ‘बलि का बकरा’ बनाया गया. क्या आरोपी के खिलाफ प्रथमदृष्टया सबूत भी थे? न्यायालय का निष्कर्ष: स्पष्ट नहीं.’

‘कुछ आरोपी लगभग तीन साल से जेल में बंद हैं. कुछ को कई महीनों के बाद जमानत मिली है. यह प्री-ट्रायल कैद है. एक अयोग्य पुलिस और अति-उत्साही वादी प्री ट्रायल से पहले नागरिकों को जेल में रखने के लिए जिम्मेदार हैं. क्या उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी?’

चिदंबरम ने अभियोजक और अभियुक्तों को हिरासत में लेने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की दोषसिद्धि की प्रक्रिया पर सवाल उठाया.

कानूनी संस्था पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘आरोपी द्वारा जेल में बिताए गए महीनों या वर्षों को कौन वापस करेगा? हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली जो प्री ट्रायल कारावास देती है, भारत के संविधान, विशेष रूप से अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और 21 (जीवन और व्यक्तिगत संपत्ति की सुरक्षा) का अपमान है.’

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चिदंबरम ने कहा कि एससी को कानून के इस हर रोज के दुरुपयोग को समाप्त करना चाहिए. जितनी जल्दी हो सके उतना बेहतर.

इससे पहले गुरुवार को, चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘मुझे खुशी है कि अंततः संविधान के अनुच्छेद 21 की जीत हुई और केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को ट्रायल कोर्ट के स्वतंत्र न्यायाधीशों को न्यायिक हिरासत की मांग से पीछे हटना चाहिए जो वास्तव में प्री-ट्रायल क़ैद है.’

उन्होंने पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई के दिन यह ट्वीट किया था, जिन्हें कथित तौर पर हाथरस हिंसा को कवर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जहां उत्तर प्रदेश में एक दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. उन पर हाथरस मामले में हिंसा भड़काने और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से संबंध रखने का आरोप लगाया गया था, जिसे केंद्र ने प्रतिबंधित कर दिया था.


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