नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान का एक दूसरे के साथ इतिहास रहा है, लेकिन वे उस इतिहास को नजरअंदाज भी करते रहे हैं। उन्होंने 2011 में इस्लामाबाद के निकट अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मार गिराये जाने की याद दिलाई।
जयशंकर की यह टिप्पणी ट्रंप प्रशासन के तहत अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों के बारे में पूछे जाने पर आई।
अमेरिका-पाकिस्तान का जिक्र करते हुए उन्होंने ‘इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम’ में कहा, ‘‘उनका एक-दूसरे के साथ इतिहास रहा है। और उस इतिहास को नजरअंदाज करने का भी उनका इतिहास रहा है। यह पहली बार नहीं है जब हमने ऐसी चीजें देखी हैं।’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘यह वही सेना है, जो एबटाबाद गई थी और वहां, आप जानते हैं, कौन मिला।’’
लादेन को अमेरिकी नौसेना के सील्स ने दो मई, 2011 को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के पास स्थित छावनी क्षेत्र एबटाबाद में मार गिराया था। अमेरिका ने इस अति-गोपनीय अभियान को अंजाम देने से पहले पाकिस्तान को इसकी सूचना नहीं दी थी।
अपने संबोधन में जयशंकर ने भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती पर भी चर्चा की।
उन्होंने कहा, ‘‘स्पष्टतः, मैं परिस्थिति या चुनौती के अनुसार प्रतिक्रिया करता हूं। लेकिन मैं ऐसा हमेशा संबंधों की व्यापक संरचनात्मक मजबूती और उससे उत्पन्न होने वाले आत्मविश्वास को ध्यान में रखते हुए करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं इसे इसी भावना से लेता हूं। मैं जानता हूं कि मैं क्या हूं। मैं जानता हूं कि मेरी ताकत क्या है, मैं जानता हूं कि मेरे रिश्ते का महत्व और प्रासंगिकता क्या है। इसलिए यही बात मेरा मार्गदर्शन करती है।’’
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा बार-बार यह दावा किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कि उन्होंने हाल में भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष को समाप्त कराया, जयशंकर ने कहा कि यह दोनों पड़ोसियों के बीच बातचीत के बाद समाप्त हो गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सच है कि उस समय फोन कॉल किए गए थे। अमेरिका और अन्य देशों ने भी फोन कॉल किए थे। यह कोई रहस्य नहीं है। जब ऐसा कुछ होता है, तो देश फोन करते हैं।’’
जयशंकर ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के बाद संघर्ष समाप्त हो गया था।
भाषा देवेंद्र शफीक
शफीक
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