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Tuesday, 7 May, 2024
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राम मंदिर ट्रस्ट के ये प्रमुख 6 चेहरे जिनकी वजह से राम मंदिर को मिल रहा है मू​र्त रूप

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने और सरकार का राम मंदिर ट्रस्ट बनाने से लेकर भूमि पूजन तक कई लोगों का महत्वपूर्ण रोल अदा किया है. ये हैं छह खास चेहरे जिनके योगदान के बिना राम मंदिर निर्माण नामुमकिन था.

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नई दिल्ली: राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए अयोध्या नगरी पूरी तरह से तैयार हो चुकी है. बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी मंदिर का भूमि पूजन करेंगे. इसके बाद से ही मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से प्रारंभ हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने और सरकार का राम मंदिर ट्रस्ट बनाने से लेकर भूमि पूजन तक कई लोगों का महत्वपूर्ण रोल निभाया है.

महंत नृत्य गोपाल दास

राम मंदिर आंदोलन में जिन प्रमुख संतों ने अयोध्या में सड़क से लेकर कोर्ट तक संघर्ष किया उनमें सबसे प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास है. महंत नृत्य गोपाल दास को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है. दशकों से नृत्यगोपाल दास राम मंदिर आंदोलन के संरक्षक की भूमिका में रहे हैं. मंदिर निर्माण के लिए चंदा जुटाने से लेकर कई काम इन्हीं के नेतृत्व में होते आए हैं. नृत्यगोपाल दास का 6 दिसंबर 1992  को कारसेवकों द्वारा बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की घटना के पहले और बाद में कांग्रेस, बसपा और सपा सरकारों ने कई तरह का उत्पीड़न किया. 11 जून 1938 को यूपी के मथुरा में जन्में नृत्यगोपाल दास ने 12 वर्ष की उम्र में ही वैराग्य धारण कर अयोध्या आ गए थे.


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चंपत राय

वीएचपी के उपाध्यक्ष चंपत राय लंबे समय से राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे है. राय के पास वी एचपी के विस्तार का जिम्मा भी है. राय को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव जैसे अहम पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. ट्रस्ट की बैठक हो या राम मंदिर से संबंधित कोई मुद्दा चंपत राय द्वारा ही अधिकृत किया जाता है.

राम मंदिर आंदोलन को राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन बनाने में चंपत राय की अहम भूमिका रही है. राम मंदिर मामले की सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान राय हमेशा मौजूद रहते थे. वहीं वे हमेशा से कहते आए है कि राम मंदिर का निर्माण वीएचपी के मॉडल पर ही किया जाएगा.

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के. पराशरण

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील के.पराशरण श्री रामजन्मभूति तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में सदस्य है. पराशरण  लंबे वक्त से सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष की पैरवी करते आए है. मंदिर के पक्ष में फैसला आने में इनका अहम योगदान रहा है. पराशरण को पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे पुरस्कार भी मिल चुके हैं.

नृपेंद्र मिश्रा

अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदार पूर्व आईएएस नृपेंद्र मिश्रा के पास है. मिश्रा राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष बनाए गए है. 2014 से पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे मोदी सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओ को जमीनी स्तर पर उतारने का काम किया है. मिश्रा को निर्माण समिति का अध्यक्ष इसलिए बनाया गया है ताकि मंदिर तय सीमा में बिना किसी विवाद के साथ पूरी भव्यता के साथ तैयार हो सके. मिश्रा 1967 बैच के यूपी काडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं.

देव गिरि जी महाराज 

स्वामी देव गिरी महाराज के पास श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी है. मंदिर निर्माण के लिए जुटाए जाने वाले चंदे का पूरा लेखा जोखा इन्हीं के पास है. महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में 1949 में जन्मे देव गिरी महाराज ने 17 वर्ष की उम्र से ही उपदेश देना शुरु कर दिया था. रामायण,भगवत गीता सहित पौराणिक ग्रंथों का देश विदेश में प्रवचन करते है. हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, गुजराती के साथ-साथ संस्कृत भाषा में भी अच्छी पकड़ रखते है. देव गिरी महाराज ने ही गीता परिवार की स्थापना की है.


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कामेश्वर चौपाल

कामेश्वर चौपाल बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं.चौपाल रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े फिर वीएचपी से जुड़े बाद में भाजपा में आए.इन्हें श्रीरामजन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में दलित समुदाय के सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है.1989 के राम मंदिर आंदोलन के सयम हुए शिलान्यास में चौपाल ने ही राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने मंदिर निर्माण और प्रबंधन के लिए ट्रस्ट का गठन का किया है. इस ट्रस्ट में 15 सदस्य शामिल है. जो समय समय पर बैठककर राम मंदिर निर्माण की दशा दिशा तय करते है.

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