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Saturday, 20 April, 2024
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SKM की सरकार के प्रस्ताव पर नहीं बनी सहमति, बुधवार की बैठक में आंदोलन वापस लेने पर होगा फैसला

बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 'जब तक सब कुछ हल नहीं हो जाता, तब तक कोई घर नहीं जा रहा है.'

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नई दिल्ली: मंगलवार को केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को पांच प्रस्ताव भेजे जिसपर मोर्चा ने एक बैठक की और इस पर विस्तार से चर्चा की. इसके बाद उसने सरकार द्वारा रखी गई कुछ शर्तों पर सवाल खड़े किए. साथ ही उसने बताया कि अभी प्रस्ताव पर सबकी सहमति नहीं बनी है और इस पर वो बुधवार को अंतिम फैसला लेगा.

बुधवार की बैठक में पिछले एक साल से चल रहे किसान आंदोलन को खत्म करने के बारे में फैसला लिया जाएगा.

एसकेएम ने कहा कि जो प्रस्ताव सरकार ने भेजा है उसपर उसे और स्पष्टीकरण की जरूरत है जिसके संबंध में वो सरकार को एक पत्र भेजेगा.

एसकेएम ने एमएसपी से संबंधित कमेटी को लेकर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि इस कमेटी में सरकार उन किसान संगठन के प्रतिनिधियों को शामिल करेगी जो इस आंदोलन का हिस्सा नहीं हैं या जो कृषि कानूनों को सही मानते हैं.

बता दें कि सरकार ने प्रस्ताव में कहा था कि वो एमएसपी के मुद्दे पर एक कमेटी गठित करेगी जिसमें केंद्र,राज्य के अधिकारी, एक्सपर्ट और किसान संगठनों के नुमाइंदे शामिल होंगे.

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साथ ही एसकेएम ने आंदोलन खत्म करने और इसके बाद ही सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ केस वापस लिए जाने की शर्त पर भी एतराज जताया है. उसने कहा कि हमें सरकार की इस बात पर आशंका है और उसे केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.

उसने कहा कि ‘हम सरकार की शर्त मानने को तैयार नहीं हैं.’

एसकेएम ने कहा कि ‘सिर्फ हरियाणा में 48,000 केस चल रहे हैं, यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में भी मुकदमे दर्ज हैं. देश भर में रेल विभाग के सैकड़ों केस हैं.’

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने केंद्र सरकार से आंदोलन के दौरान मारे गए 700 से ज्यादा किसानों के परिवारों को पांच लाख रूपए का मुआवज़ा और सरकारी नौकरी देने की बात कही है.

बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ‘जब तक सब कुछ हल नहीं हो जाता, तब तक कोई घर नहीं जा रहा है.’

सरकार का प्रस्ताव

केंद्र सरकार ने अपने प्रस्ताव में एसकेएम के पांच सदस्यों को एमएसपी पर बनने वाली कमेटी में शामिल करने की बात कही. उसने आंदोलन खत्म करने के बाद ही एक साल के भीतर किसानों के खिलाफ केस वापस लेने की शर्त रखी है. सरकार ने कहा हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार मुआवजा देने के लिए तैयार है. गौरतलब है कि पंजाब सरकार पहले ही मुआवजे का ऐलान कर चुकी है.
केंद्र ने पराली जलाने से जुड़ी आपराधिक धाराओं को भी निरस्त करने की बात कही है और साथ ही उसने बिजली बिल संसद में पेश करने से पहले इसपर स्टैक्होल्डर के साथ विचार-विमर्श करने की बात कही है.


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