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Sunday, 29 September, 2024
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बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष में दिखा स्पष्ट मतभेद

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पटना, 14 मार्च (भाषा) बिहार विधानसभा में सोमवार को उस समय एक विकट स्थिति पैदा हो गई जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के बीच इस बात को लेकर तीखी नोकझोंक हुई कि क्या सरकार द्वारा जांच किए जा रहे मामले और विशेषाधिकार समिति को भेजे गए मामले को सदन के पटल पर “बार-बार” उठाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने अपना आक्रोश तब व्यक्त किया जब विधानसभा अध्यक्ष ने कैबिनेट मंत्री बिजेंद्र यादव से सदन को कुछ दिनों के बाद यह बताने को कहा कि लखीसराय में एक घटना के संबंध में क्या कार्रवाई की गई। लखीसराय सिन्हा का विधानसभा क्षेत्र भी है।

कुमार ने कहा, “मंत्री को सरकार की ओर से जवाब देने के लिए अधिकृत किया गया है। जब उन्होंने बताया है कि जांच चल रही है, तो आप उन्हें परसों एक नए उत्तर के साथ आने के लिए कहते हैं। यह नियमों के खिलाफ है। कृपया संविधान देखें।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों में कार्रवाई करना सरकार और पुलिस का काम है। उन्होंने कहा कि जांच की रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश की जानी है।

कुमार ने कहा, “क्या सदन को मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार है? मैं मुख्यमंत्री के रूप में अपना चौथा कार्यकाल पूरा कर रहा हूं। मैं भी एक बार विधानसभा का सदस्य था। मैंने ऐसी प्रक्रियात्मक विसंगति कभी नहीं देखी। कृपया इस तरह से सदन न चलाएं।”

सिन्हा ने मुख्यमंत्री के ज्ञान और अनुभव के लिए अपने अपार सम्मान का जिक्र करते हुए कुमार को शांत करते हुए अपनी बात रखनी शुरू की और कहा कि मुख्यमंत्री का समर्थन ही था “जिसने इस पद पर पहुंचने में मेरी मदद की।”

विधानसभा अध्यक्ष ने अनुरोध किया, “लेकिन कृपया मेरी मुश्किल स्थिति को समझें। विशेषाधिकार समिति को भेजे जाने के बाद शुरू में मैंने इस मामले में कोई चर्चा नहीं करने की कोशिश की थी। लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने बार-बार हंगामा किया। आखिरकार, मुझे सदन का संरक्षक माना जाता है।”

विशेष रूप से लखीसराय में शराबबंदी कानून के उल्लंघन के आरोप में कई लोगों की कथित रूप से गलत तरीके से गिरफ्तारी को लेकर सिन्हा का गुस्सा पिछले महीने सुर्खियों में था।

सदन की समिति ने पुलिस महानिदेशक को कथित दुर्व्यवहार को लेकर लखीसराय के एक पुलिस उपाधीक्षक और संबंधित थाने के प्रभारी के खिलाफ जांच कराने का निर्देश दिया था।

विधानसभा अध्यक्ष के बयान के बाद मुख्यमंत्री फिर से अपने स्थान पर खड़े हुए और कहा, “मैं आज ही मामले में हुई प्रगति के बारे में पता करूंगा। समिति ने जो भी सिफारिशें की हैं, उस पर सरकार गौर करेगी। लेकिन इस मामले पर बार-बार सदन के पटल पर चर्चा नहीं होनी चाहिए।”

भाषा प्रशांत दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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