चंडीगढ़, 24 अगस्त (भाषा)हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को आरोप लगाया कि भिवानी में 19 वर्षीय शिक्षिका की मौत मामले में विपक्ष राजनीति कर रहा है।
सैनी ने पानीपत में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने विपक्ष से कहा कि मनीषा हमारी बेटी थी, उसकी मौत पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने कहा है कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं और सरकार उठाए गए हर बिंदु का जवाब देगी… लेकिन विपक्ष बार-बार इस मामले को उठा रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
सैनी से हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन शुक्रवार को छह बार कार्यवाही स्थगित होने के बारे में सवाल किया गया था, जिसपर उन्होंने यह टिप्पणी की। विपक्षी कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्य में ‘‘बिगड़ती’’ कानून व्यवस्था पर तत्काल चर्चा की मांग की थी।
सदन में हंगामा जारी रहने पर विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने शुक्रवार को विपक्षी कांग्रेस से कहा कि उनका स्थगन प्रस्ताव विचाराधीन है और उन्हें पहले प्रश्नकाल चलने देना चाहिए। उसी दिन बाद में उन्होंने विपक्ष का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। अब इस मामले पर मंगलवार को चर्चा होगी।
मनीषा का शव 13 अगस्त को भिवानी के एक खेत में मिला था। वह 11 अगस्त को स्कूल से निकलने के बाद लापता हो गई थी। वह कथित तौर पर नर्सिंग कॉलेज में दाखिले के बारे में पूछताछ करने गई थी।
पीड़िता के परिवार की मांग के आधार पर हरियाणा सरकार ने 20 अगस्त को कहा था कि वह मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई)को सौंपने जा रही है।
सैनी ने रविवार को पानीपत में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मनीषा को न्याय दिलाने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। कभी-कभी मुद्दे ऐसे होते हैं…(पहले की जांच में) यह बात सामने आई कि मनीषा ने किसी दुकान से कीटनाशक खरीदा था, ये सारी बातें मेडिकल रिपोर्ट में भी आई हैं (जिसमें उसके शरीर में कीटनाशक की मौजूदगी का ज़िक्र है)।’’
कांग्रेस द्वारा निर्वाचन आयोग और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाए गए जाने पर सैनी ने कहा, ‘‘जब वे (कांग्रेस) चुनाव हार जाते थे, तो ईवीएम को दोष देते थे। फिर वह (राहुल गांधी) संविधान की प्रति लेकर घूमने लगे। इस बार वह वोट चोरी का मुद्दा उठा रहे हैं। वे ऐसे मुद्दे उठाते रहते हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया, ‘‘उनके समय में वोटों की चोरी होती थी… लेकिन आज सब कुछ पारदर्शी हो गया है।’’
भाषा धीरज दिलीप
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