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Tuesday, 5 November, 2024
होमदेशOTT सीरीज़ पर अनावश्यक विवाद हो रहा है : कंधार विमान हाईजैक की पीड़िता

OTT सीरीज़ पर अनावश्यक विवाद हो रहा है : कंधार विमान हाईजैक की पीड़िता

उन्होंने कहा, मुझे याद है कि जिस हाईजैकर का कोड नाम ‘बर्गर’ था, उसने यात्रियों से बात की, अंताक्षरी खेली और जब उसे पता चला कि उस दिन मेरा जन्मदिन है तो उसने मुझे उपहार में एक शॉल भेंट की.

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चंडीगढ़: साल 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान के हाईजैक की घटना पर आधारित ओटीटी वेब सीरीज़ ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ में हाईजैकर्स के नाम को लेकर जारी विवाद पर एक पीड़ित ने बुधवार को कहा कि कार्यक्रम को लेकर ‘‘अनावश्यक’’ विवाद हो रहा है.

नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई अनुभव सिन्हा की सीरीज़ पर टिप्पणी करते हुए पूजा कटारिया ने कहा, ‘‘मैंने इसे देखा है. जो विवाद हो रहा है वो अनावश्यक है. ऐसा कुछ नहीं है. सीरीज़ में सच्ची घटना दिखाई गई है और उन्होंने (हाईजैकर्स ने) कोड नाम रखे थे और वो एक दूसरे से उन्हीं नामों से बात कर रहे थे. कटारिया घटना के वक्त काठमांडू से हनीमून से लौट रही थीं.

उन्होंने कहा, मुझे याद है कि जिस हाईजैकर का कोड नाम ‘बर्गर’ था, उसने यात्रियों से बात की, अंताक्षरी खेली और जब उसे पता चला कि उस दिन मेरा जन्मदिन है तो उसने मुझे उपहार में एक शॉल भेंट की.

उन्होंने कहा, ‘‘वो लोगों के साथ बड़े दोस्ताना तरीके से पेश आ रहा था क्योंकि कई लोगों को घबराहट के कारण दौरे पड़ रहे थे. उसने ‘अंताक्षरी’ भी खेली.’’

विवादों में आई इस वेब सीरीज़ को लेकर कई लोगों ने दावा किया कि फिल्मकार ने खास समुदाय से आने वाले आतंकवादियों को कथित रूप से बचाने के लिए हाईजैकर्स के नाम बदलकर ‘शंकर’, और ‘भोला’ रखे.

हाईजैकर्स के वास्तविक नाम इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर सईद, सनी अहमद काजी, जहूर मिस्त्री और शाकिर थे. हालांकि, सीरीज़ में आतंकवादियों के कोड नाम ‘भोला’, ‘शंकर’, ‘डॉक्टर’ और ‘चीफ’ का इस्तेमाल किया गया है.

दबाव में नेटफ्लिक्स इंडिया ने मंगलवार को कहा कि उसने हाईजैकर्स के वास्तविक और कोड नाम को शामिल किया है.

कटारिया (47) ने उस भयावह घटना को याद करते हुए कहा कि हाईजैकर्स एक दूसरे को कोड नाम से ही संबोधित कर रहे थे.

24 दिसंबर, 1999 को काठमांडू से उड़ान भरने के करीब 40 मिनट बाद यात्रियों को विमान के हाईजैक होने की जानकारी मिली थी.

सीरीज़ को लेकर हो रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि सीरीज़ में बिल्कुल सच्ची घटना दिखाई गई है. सचाई दिखाई गई है. इसमें कोई विवाद नहीं होना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसे मनोरंजन के दृष्टिकोण से देखना चाहिए. अन्य फिल्में भी बनती हैं. विवाद की कोई ज़रूरत नहीं है.’’

उन्होंने उस मनहूस दिन को याद कर कहा, ‘‘सभी दहशत में थे और हम यही सोच रहे थे हम सब मारे जाएंगे. हम नहीं जानते थे कि बाहर क्या हो रहा है. दो दिन तक हमें अपना सिर नीचे करके रखने को कहा गया था. हम आठ दिन आतंक के हालात में रहे. जब हम बाहर आए, तब हमें एहसास हुआ कि क्या हुआ था.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम लोग हनीमून के बाद काठमांडू से लौट रहे थे और उस दिन मेरा जन्मदिन भी था.’’

कटारिया ने कहा, ‘‘जब मैंने अपहरणकर्ता से कहा कि आज मेरा जन्मदिन है, वो हमें यहां से जाने दे तो उसने कहा कि हम आपका जन्मदिन यहीं मनाएंगे. ‘बर्गर’ ने मुझे एक शॉल भेंट की जिस पर लिखा था — मेरी प्यारी बहन और उसके खूबसूरत पति के लिए’.’’

उन्होंने वो शॉल भी दिखाई जिस पर बर्गर ने हस्ताक्षर भी किए थे.

कटारिया ने बताया कि उन्होंने बोर्डिंग पास के साथ ही इस शॉल को भी संभालकर रखा है.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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