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गुरूवार, 8 मई, 2025
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‘लाडकी बहिन’ योजना की लाभार्थियों की पुन: जांच की कोई योजना नहीं : अदिति तटकरे

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मुंबई, नौ दिसंबर (भाषा)महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री अदिति तटकरे ने ‘मुख्यमंत्री मांझी लाडकी बहिन योजना’ के तहत लाभार्थी महिलाओं के आवेदनों की पुनः जांच कराने के महायुति सरकार के कथित फैसले को लेकर आ रही खबरों का खंडन किया है।

पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में ‘महायुति’ गठबंधन की जीत में महिलाओं को हर महीने दी जाने वाली वित्तीय सहायता योजना का अहम योगदान माना जा रहा है।

पूर्ववर्ती एकनाथ शिंदे सरकार में महिला एवं बाल कल्याण विभाग का कार्यभार संभालने वाली तटकरे की देखरेख में ही योजना का क्रियान्वयन हुआ था।

तटकरे की आवेदनों की जांच के संबंध में यह टिप्पणी नव-नियुक्त मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा सरकार की अपात्र लाभार्थियों की पहचान करने की मंशा के खुलासे के कुछ दिनों बाद आई है।

उन्होंने एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से बातचीत में कहा, ‘‘ इस योजना के तहत लाभार्थियों के आवेदनों की दोबारा जांच करने का कोई सवाल ही नहीं है। वर्तमान में करीब 2.34 करोड़ महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है और आवेदन स्वीकृत करने से पहले उनकी गहन जांच की गई थी। इस संबंध में लेकर आई खबर गलत है।’’

लाडकी बहिन योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह मिलते हैं, जिसे चुनाव प्रचार के दौरान ‘महायुति’ के नेताओं ने बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का वादा किया था।

सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल है।

तटकरे ने स्वीकार किया कि योजना के तहत कुछ अपात्र महिलाओं को लाभ मिलने की शिकायतें मिली हैं।

राकांपा विधायक ने कहा,‘‘शिकायतों पर गौर करना और निर्णय लेना महिला एवं बाल विकास विभाग का विशेषाधिकार है। विभाग प्राप्त होने वाली किसी भी शिकायत का निपटारा करेगा, लेकिन मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि आवेदनों की फिर से समीक्षा या जांच करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’’

फडणवीस ने कहा था कि योजना के तहत कुछ लाभार्थियों द्वारा मानदंडों का पालन नहीं करने की शिकायतों के मद्देनजर आवेदनों की जांच आवश्यक है।

उन्होंने कहा, ”इसे पूरी तरह से खत्म नहीं किया जाएगा। इसकी जांच पीएम किसान योजना की तर्ज पर की जाएगी, जहां अपात्र लाभार्थियों ने स्वयं ही लाभ लेना बंद कर दिया था।”

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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