नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को कहा कि केंद्र द्वारा नियुक्त समिति ने दिल्ली सरकार को बसों की खरीद के मामले में क्लीन चिट दे दी है और यह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईमानदार राजनीति का सबूत है.
अधिकारियों ने बताया कि तीन सदस्यीय समिति में दिल्ली सरकार के परिवहन और सतर्कता आयुक्त शामिल थे. इसका गठन पिछले महीने उपराज्यपाल अनिल बैजल ने किया था जिसने आठ जुलाई को बैजल को अपनी रिपोर्ट सौंपी.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा खरीदी जाने वाली 1,000 लो-फ्लोर बसों के वार्षिक रखरखाव अनुबंध में केजरीवाल सरकार पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाती रही है.
सिसोदिया ने कहा कि समिति ने 3,000 दस्तावेजों का विश्लेषण किया और कई सवाल उठाए, जिसके बाद उसने निष्कर्ष निकाला कि केजरीवाल सरकार बसों की खरीद में किसी घोटाले में शामिल नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘केंद्र द्वारा नियुक्त समिति का कहना है कि कोई घोटाला नहीं हुआ है. यह इस बात का सबूत है कि केजरीवाल ईमानदार हैं. केजरीवाल उनके लिए काम करते हैं जिन्होंने उन्हें चुना है और भाजपा की तरह लड़ने में शामिल नहीं होते हैं. भाजपा की ओर से बाधाएं खड़ी किए जाने के बावजूद बसें खरीदी जाएंगी. भाजपा को शर्म आनी चाहिए कि वह केजरीवाल जैसे नेता पर आरोप लगाती है. उसे दिल्ली की जनता से माफी मांगनी चाहिए.’
उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त समिति की जांच के चलते परिवहन विभाग ने बस खरीद प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी.
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