मालदा/मुर्शिदाबाद, 30 अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में अल्पसंख्यक समुदायों के लोग मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की आशंका को लेकर अपने जन्म स्थान और जन्म तिथि प्रमाण वाले दस्तावेज प्राप्त करने के लिए नगरपालिका कार्यालयों, ग्राम पंचायतों और स्थानीय अदालतों में भीड़ उमड़ रही है।
मालदा में एजेंट निवासियों से जन्म प्रमाण पत्र के लिए हलफनामा तैयार करने और उसे ऑनलाइन जमा करने में मदद के लिए 1,900 रुपये वसूल रहे हैं।
एक स्थानीय वकील ने बताया कि वे 50 से 80 लोगों के समूहों को स्थानीय अदालतों में ले जा रहे हैं और साइबर कैफे जन्म प्रमाण पत्र की सॉफ्ट और हार्ड कॉपी दोनों की बढ़ती मांग से पैसा कमा रहे हैं।
वकील ने बताया, “जन्म प्रमाण से जुड़े दस्तावेज मांगने वालों में ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय से हैं और पिछले 15 से 20 दिनों से लोगों में होड़ मची हुई है।”
इंग्लिश बाजार नगर पालिका के चेयरमैन और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पार्षद शुभमय बसु ने कहा कि पिछले दो सप्ताह से लोगों में होड़ मची हुई है, जिससे नगर निगम कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि निवासियों की ओर से अन्य जरूरी दस्तावेज जमा करके अपने जन्म वर्ष और जन्म स्थान का प्रमाणपत्र प्राप्त करने का दबाव बढ़ रहा है।
बसु ने कहा, “निर्धारित काउंटरों पर लंबी कतारें लग रही हैं और ये कतारें हर दिन बढ़ती ही जा रही हैं। हम कतारों को संभालने के लिए और कर्मचारियों को नियुक्त कर रहे हैं तथा नगर निगम ने भीड़ को संभालने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ का गठन किया है। हालांकि, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी मामला अनदेखा न रहे।”
जिले के एक अधिकारी ने बताया कि लोग मालदा के 146 ग्राम पंचायत क्षेत्रों से आ रहे हैं, जिनमें रतुआ, कालियाचक और सुजापुर के साथ-साथ जिले के अन्य अल्पसंख्यक बहुल इलाके भी शामिल हैं।
मुर्शिदाबाद जिले के एक अधिकारी ने बताया कि जलंगी, रानीनगर, डोमकल, बेलडांगा, हरिहरपारा, सुती, समशेरगंज और फरक्का में भी जन्म प्रमाण पत्र में सुधार और उसे प्राप्त करने की होड़ तेज हो गई है।
बेलडांगा के कांग्रेस पंचायत सदस्य अमीरुल इस्लाम ने कहा, “हां, पिछले 15 से 20 दिनों में बीएलओ, बीडीओ, नगर पालिकाओं और पंचायतों के कार्यालयों में जरूरी दस्तावेज़ हासिल करने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी है। इन लोगों के पास पहले से ही मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज हैं लेकिन वे पूरी तरह से आश्वस्त होना चाहते हैं कि उनका नाम अद्यतन की गई मतदाता सूची से न हटाया जाए।”
उन्होंने कहा, “अगर उनके पास जरूरी दस्तावेज हैं तो हम उन्हें मार्गदर्शन दे रहे हैं लेकिन किसी तरह की कोई ढील नहीं दी जाएगी।”
भाषा जितेंद्र सुभाष
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