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Thursday, 26 December, 2024
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उत्पादन बढ़ाने के लिए वैकल्पिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने की जरूरत : मिश्र

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जयपुर, 15 फरवरी (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए कृषि उत्पादन की मांग को पूरा करने के लिए नए विकल्पों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कम जमीन में अधिक पैदावार लेने की ‘वर्टिकल फार्मिंग’ तकनीक को स्थानीय परिस्थिति के अनुरूप व्यावहारिक बनाने पर और अधिक कार्य करने की जरूरत है।

कुलाधिपति मिश्र मंगलवार को जोधपुर के कृषि विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षान्त समारोह को यहां राजभवन से ऑनलाइन माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि कृषि ही किसी राष्ट्र की संपन्नता और खुशहाली का भी पैमाना है, इसलिए कृषि क्षेत्र के विकास पर सभी स्तरों पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में खेती के विकास से संबंधित अनुसंधान और प्रयोगों का लाभ राजस्थान के किसानों को दिलवाने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों को अपनी भूमिका का निर्वाह करना चाहिए।

मिश्र ने बीजों की उत्तम गुणवत्ता, वैज्ञानिक तरीकों से उर्वरकों के सही इस्तेमाल, समेकित कीटनाशी प्रबंधन, कृषि विविधीकरण, जैविक तथा प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई।

उन्होंने कहा कि राजस्थान में खेती को आधुनिक और किसानों के लिए अधिक कारगर बनाने की दिशा में कृषि शिक्षा के जरिए प्रयास किए जाने चाहिए।

राज्यपाल ने डिजिटल कृषि, कम जल में अधिक पैदावार, पर्यावरण अनुकूल खेती के क्षेत्र में विश्वविद्यालय को अग्रणी बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान के संदर्भ में कम पानी और कीटनाशकों के कम से कम प्रयोगों से खेती को अधिक से अधिक विकसित करना ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।’’

इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि किसानों को समृद्ध एवं खुशहाल बनाने के लिए जरूरी है कि कृषि शिक्षा का प्रसार एवं इस क्षेत्र में शोध को बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार इसके लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल के समय जोधपुर, जोबनेर और कोटा में नए कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई थी। साथ ही इस कार्यकाल में हमने विभिन्न जिलों में नए कृषि महाविद्यालय भी खोले हैं।’’

गहलोत ने कहा, ‘‘सदियों से अकाल एवं सूखे की समस्या झेल रहे हमारे प्रदेश में कृषि का अपना महत्व है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय को राज्य सरकार ने कृषि अनुसंधान और बीज उत्पादन के लिए 108 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है और इससे विश्वविद्यालय के विकास, शोध कार्यों, उन्नत बीज उत्पादन कार्यक्रमों और भविष्य की कार्ययोजना को बेहतर ढंग से लागू किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘कृषि एवं गांवों के विकास के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध और अनुसंधान को निरंतर प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। इससे हमारे किसानों, पशुपालकों, ग्रामीण भाई-बहनों को नई तकनीकों का लाभ मिल सकेगा।’’

भाषा कुंज कुंज बिहारी देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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