नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बाद बुधवार को अब राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने ट्विटर पर कार्रवाई की मांग की है. अयोग ने ट्विटर पर पोर्नोग्राफिक कंटेंट का प्रसार करने वाली कई प्रोफाइल्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए प्लेटफार्म से एक हफ्ते के अंदर इस तरह कंटेंट को हटाने को कहा है. आयोग ने इसको लेकर ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर को पत्र लिखा है.
एनसीडब्ल्यू ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को भी एख पत्र लिखकर इस मामले की तहकीकात करने और उचित कानूनी कार्रवाई करने को कहा है.
National Commission for Women (NCW) takes suo moto cognizance of pornographic content on Twitter, seeks action within a week. pic.twitter.com/2JFg48GWRF
— ANI (@ANI) June 30, 2021
महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने प्लेटफार्म से एक हफ्ते के अंदर पोर्नोग्राफिक कंटेंट हटाने को कहा है.
आयोग ने इससे पहले भी इसी तरह की शिकायत मिलने पर मामले पर तत्काल कार्रवाई के लिए ट्विटर के संज्ञान में लाया था, लेकिन प्लेटफार्म ने किसी भी तरह का एक्शन नहीं लिया.
पत्र के अनुसार आयोग इस बात को लेकर से परेशान है कि ऐसी प्रतिबंधित सामग्री की उपलब्धता की जानकारी होने के बावजूद, जो न केवल भारतीय कानूनों का उल्लंघन करती है, बल्कि ट्विटर की खुद की नीति के भी खिलाफ है, उन्हें हटाने की दिशा में प्लेटफार्म ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की.
महिला आयोग ने प्लेटफार्म पर पोर्नोग्राफिक कंटेंट शेयर करने वाली इस तरह की कुछ प्रोफाइल्स की डिटेल्स ट्विटर से साझा किया है और निर्देश दिया है कि इस तरह के सभी कंटेट एक हफ्ते के अंदर हटाए जाएं. प्लेटफार्म से यह भी कहा गया है कि एक्शन के बारे में 10 दिन में जानकारी दी जाय.
बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दर्ज कराई थी एफआईआर
वहीं इससे पहले दिल्ली पुलिस ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को नोटिस जारी कर उसके प्लेटफॉर्म पर बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री प्रसारित किए जाने के खिलाफ उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी है.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ट्विटर को मंगलवार को नोटिस भेजा गया है.
दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की थी जिसमें उस पर आरोप है कि उसने अपने मंच पर बाल पोर्नोग्राफी तक पहुंच की अनुमति दी है.
पुलिस ने कहा कि भारतीय दंड संहिता, यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा कानून (पॉक्सो) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
हाल में आयोग द्वारा की गई जांच में पाया गया था कि बच्चों के यौन शोषण से संबंधित सामग्री ट्विटर पर आसानी से उपलब्ध है, जिसके आधार पर मामला दर्ज करने को कहा गया था.