लखनऊ, 29 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के विकास में पंचायतों के महत्व पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि आत्मनिर्भर पंचायतें ही ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ की परिकल्पना को साकार कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने ‘विकसित यूपी 2047’ संवाद शृंखला के तहत त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों से संवाद किया।
उन्होंने जिला व क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों एवं सदस्यों से संवाद करते हुए आह्वान किया कि पंचायतें अपनी वार्षिक कार्ययोजना में नवाचारों को बढ़ावा दें और लोककल्याण के साथ आय संवर्धन को प्राथमिकता दें।
आदित्यनाथ ने कहा कि आत्मनिर्भर पंचायतें ही ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ की परिकल्पना को साकार कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि पंचायतों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से विकास के नए मॉडल तैयार होंगे और यही आत्मनिर्भरता और सुशासन का आधार बनेगा।
इस अवसर पर अभियान से संबंधित एक फिल्म दिखाई गई तथा ‘क्यूआर कोड’ और ‘पोर्टल’ के जरिये सुझाव साझा करने की प्रक्रिया से प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘विकसित यूपी 2047’ केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि सामूहिक चेतना और जनभागीदारी का ऐतिहासिक संकल्प है।
उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है और पंचायतें ही इस महान लक्ष्य की वास्तविक शिल्पकार हैं।
योगी ने स्पष्ट किया कि त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने वाली सबसे अहम कड़ी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र की परिकल्पना के लिये स्पष्ट रूपरेखा तैयार की है, जिसके तहत ‘अर्थशक्ति, सृजनशक्ति और जीवनशक्ति’ की दिशाएं तय करते हुए 12 प्राथमिक सेक्टर चिन्हित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश को एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
योगी ने कहा कि इस अभियान की सफलता में पंचायतों की भागीदारी सबसे अहम है और इसी क्रम में सभी पंचायत प्रतिनिधियों को पत्र व बुकलेट भेजे गए हैं, जिनमें विशेष क्यूआर कोड व पोर्टल उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से आमजन अपने सुझाव साझा कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधियों से कहा कि वे इस पत्र को बैठकों में पढ़ें, जनता को अभियान से जोड़ें और गांव-गांव, वार्ड-वार्ड तक संदेश पहुंचाएं।
भाषा सलीम जितेंद्र
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