नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्तव्य के निर्वहन के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिसकर्मियों को शनिवार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इन जांबाज पुलिसकर्मियों का सर्वोच्च बलिदान अन्य लोगों को भी कर्तव्य पथ पर पूर्ण निष्ठा, मनोयोग एवं दायित्व बोध के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा.
योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ में रिजर्व पुलिस लाइन पर ‘पुलिस स्मृति दिवस परेड’ को संबोधित करते हुए कहा, ”2022-23 में कर्तव्य की वेदी पर प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों में प्रदेश पुलिस दल के तीन बहादुर पुलिसकर्मी शामिल हैं. मैं इस अवसर पर सभी शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं. हमारे जांबाज पुलिसकर्मियों का यह सर्वोच्च बलिदान हमें कर्तव्य पथ पर पूर्ण निष्ठा, मनोयोग एवं दायित्व बोध के साथ निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा.’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं शहीद पुलिस कर्मियों के परिवार के सदस्यों को आश्वस्त करना चाहूंगा कि हमारी सरकार उनके कल्याण के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ सभी जरूरी कदम उठाने के लिए सदैव तत्पर रहेगी.’’
कर्तव्य पालन के दौरान अपना जीवन बलिदान करने वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘पुलिस स्मृति दिवस’ मनाया जाता है. वर्ष 1959 में आज के ही दिन 10 बहादुर पुलिसकर्मियों ने लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में भारी हथियारों से लैस चीनी सुरक्षाबलों का मुकाबला करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे.
योगी ने पुलिसकर्मियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में अपने कर्तव्य को सर्वोपरि मानकर प्रदेश में अपराधों पर लगाम लगाने, कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने, प्रदेश में सामाजिक सौहार्द स्थापित करने और विशेषकर महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा करने में एक सराहनीय भूमिका निभाई है.
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले छह वर्ष के दौरान प्रयागराज का दिव्य व भव्य कुंभ, लोकसभा चुनाव-2019, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2021, विधानसभा चुनाव-2022 तथा नगर निकाय चुनाव-2023 को शांतिपूर्वक संपन्न कराने में भी पुलिस बल का उल्लेखनीय योगदान रहा है.”
योगी ने कोरोना काल में पुलिस की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस वैश्विक महामारी के दौरान प्रदेश की जनता की सहायता के लिए सदैव तत्पर रही और पुलिसकर्मियों ने कोरोना योद्धा के रूप में अभूतपूर्व कार्य किया.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रदेश सरकार ने एक नवंबर 2022 से 30 सितंबर 2023 के बीच कर्तव्य पालन के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों के साथ-साथ केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों, अन्य प्रदेशों के अर्द्धसैनिक बलों तथा भारतीय सेना में कार्यरत एवं मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले 140 शहीद कार्मिकों के आश्रितों को 38 करोड़ 96 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की.’’
मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था पर जोर देते हुए कहा कि राज्य सरकार की अपराध और अपराधियों को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है और विभिन्न जिलों में दुर्दांत अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान मार्च 2017 से सितंबर 2023 तक 190 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गये और 5,591 घायल हुए.
उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई में पुलिस बल के 16 जवानों ने अप्रतिम शौर्य का प्रदर्शन करते हुए वीरगति प्राप्त की और 1,478 पुलिसकर्मी घायल भी हुए.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराधियों पर कड़ा शिकंजा कसने के लिए गैंगस्टर एक्ट के 69,332 तथा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत 887 अभियुक्तों के विरुद्ध कार्रवाई की गई.
योगी ने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए हर संभव कदम उठाने का भरोसा दिया.
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