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Thursday, 6 November, 2025
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शीर्ष अदालत ने कई जातियों का ओबीसी दर्जा रद्द करने संबंधी उच्च न्यायालय में जारी कार्यवाही रोकी

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नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि पश्चिम बंगाल में कई जातियों का ओबीसी दर्जा रद्द करने से संबंधित मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय में आगे कोई कार्यवाही नहीं होगी।

शीर्ष अदालत पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर एक याचिका सहित 10 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इन याचिकाओं में कलकत्ता उच्च न्यायालय के 22 मई, 2024 के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिनमें 2010 से पश्चिम बंगाल में कई जातियों को दिए गए ओबीसी दर्जे को रद्द कर दिया गया था।

उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा) (सेवाओं और पदों में रिक्तियों का आरक्षण) अधिनियम, 2012 के तहत ओबीसी के रूप में दिए गए 37 वर्गों के अलावा अप्रैल, 2010 और सितंबर, 2010 के बीच दिए गए 77 आरक्षण वर्गों को रद्द कर दिया था।

प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति विपुल एम पंचोली की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों पर गौर किया कि उच्च न्यायालय ने याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 18 नवंबर की तारीख तय की है।

न्यायमूर्ति गवई ने कहा, ‘‘जब मामला उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में है तो उच्च न्यायालय इस मामले में कैसे आगे बढ़ सकता है।’’

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम स्पष्ट करते हैं कि जब तक अगला आदेश पारित नहीं हो जाता, कलकत्ता उच्च न्यायालय में आगे कोई कार्यवाही नहीं होगी।’’

न्यायालय ने कहा कि याचिकाओं पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।

भाषा नेत्रपाल पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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