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लगभग तीन साल के बाद भी फैसला नहीं सुनाये जाने संबंधी याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने मांगी रिपोर्ट

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नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) आजीवन कारावास की सजा काट रहे चार दोषियों ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय का रुख कर दावा किया कि झारखंड उच्च न्यायालय ने 2022 में दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपील पर आदेश सुरक्षित रख लिया, लेकिन फैसला नहीं सुनाया है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने उनकी याचिका पर विचार करने पर सहमति जताते हुए उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल से उन सभी मामलों के संबंध में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी है जिनमें फैसला सुरक्षित रखा गया था लेकिन दो महीने से अधिक समय तक फैसला नहीं सुनाया गया है।

चारों दोषियों का प्रतिनिधित्व कर रहीं अधिवक्ता फौजिया शकील ने दोषियों की जमानत का अनुरोध करते हुए कहा कि उनमें से एक पिछले 16 वर्षों से जेल में है।

पीठ ने जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया और राज्य सरकार से जवाब मांगा।

याचिका में कहा गया, ‘‘याचिकाकर्ता वर्तमान में रांची के होटवार में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद अपराधी है। उन्होंने रांची में झारखंड उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देते हुए आपराधिक अपील दायर की थी, उनकी अपीलों पर सुनवाई हुई और 2022 में निर्णय सुरक्षित रखा गया। उच्च न्यायालय ने दो से तीन साल बीत जाने के बावजूद अभी तक निर्णय नहीं सुनाया है।’’

दोषियों में से तीन को हत्या और एक को बलात्कार के आरोप में दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

पिला पाहन, सोमा बदांग, सत्यनारायण साहू और धर्मेश उरांव द्वारा दायर याचिका में कहा गया, ‘‘उनमें से प्रत्येक ने 11 साल से 16 साल के बीच की वास्तविक हिरासत अवधि पूरी कर ली है।’’

दोषियों ने दावा किया कि भारत के प्रधान न्यायाधीश और झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण जैसी कानूनी सहायता संस्थाओं को ज्ञापन देने के बावजूद इस संबंध में उनके प्रयासों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

दोषियों ने कहा, ‘‘चार याचिकाकर्ताओं के अलावा 10 अन्य दोषी भी इसी स्थिति में हैं। उनकी अपील पर सुनवाई हो चुकी है, लेकिन लगभग तीन साल से अधिक समय से फैसला नहीं सुनाया गया है।’’

भाषा

देवेंद्र खारी

खारी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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