scorecardresearch
Sunday, 6 October, 2024
होमदेशकीव में गोलीबारी में घायल छात्र की आपबीतीः मैने सोचा कि अंत समय आ गया है

कीव में गोलीबारी में घायल छात्र की आपबीतीः मैने सोचा कि अंत समय आ गया है

Text Size:

(गुंजन शर्मा और विशु अधाना)

नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) यूक्रेन में युद्ध प्रभावित कीव से सुरक्षित निकलने के प्रयास में 31 वर्षीय भारतीय छात्र हरजोत सिंह गोलीबारी का शिकार हो गया और एक गोली सीने में लगने समेत शरीर पर चार गोलियां झेलने के बाद भी खुद के जीवित बचने को उसने खुशनसीबी बताया है।

दिल्ली निवासी हरजोत ने 27 फरवरी के घटनाक्रम को याद करते हुए कहा, ‘‘हम लीव जाने के लिए कैब में बैठे थे। हमें एक बैरिकेड पर रोका गया और तभी गोलियां चलने लगीं। मुझे लगा कि अब अंत समय आ गया है। भगवान की कृपा से मैं जीवित बच गया।’’

हरजोत का कीव के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। कुछ दिन के बाद हरजोत के होश में आने पर यहां उसके परिजनों ने राहत की सांस ली, जब उन्हें बताया गया कि वह चमत्कारिक तरीके से गोलियों से बच गया।

हरजोत ने दो और लोगों के साथ कीव से बच निकलने के लिए लीव शहर के लिए कैब ली थी। उसने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया, ‘‘मुझे नहीं पता कि उन लोगों का क्या हुआ जो मेरे साथ थे। मुझे तो लगा था कि मैं अब नहीं बचूंगा।’’

वह कीव में इंटरनेशनल यूरोपियन यूनिवर्सिटी में भाषा संबंधी पाठ्यक्रम में अध्ययनरत है।

दिल्ली के छतरपुर में रहने वाले उसके परिवार के लिए भी यह उतना ही मुश्किल वक्त था क्योंकि उन्हें पता ही नहीं चल रहा था कि उनके बेटे को क्या हुआ।

उसके भाई प्रभजोत सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जब तीन दिन बाद उसे होश आया तो वह गोलियों के जख्म और टूटे पैर के साथ अस्पताल में था। सिंह ने कहा कि पासपोर्ट समेत उसके सभी कागजात गायब थे।

उन्होंने कहा कि आखिरी बार 26 फरवरी को हमने बात की थी तो उसने कहा था कि वह अच्छा है और वापस आ जाएगा, लेकिन उसके बाद से कोई संपर्क नहीं हुआ। हम बहुत चिंतित थे। सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिन बेहद कठिन थे और हमने लगभग सभी अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन कुछ पता नहीं चला।

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments