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Monday, 29 September, 2025
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सीसीटीवी फुटेज और कैमरों के माध्यम से महिलाओं पर नजर रखता था स्वयंभू धर्मगुरु

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(सौम्या शुक्ला)

नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में एक निजी प्रबंधन संस्थान का पूर्व अध्यक्ष और स्वयंभू धर्मगुरु कथित तौर पर छात्रावास के सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से महिलाओं पर नजर रखता था। इसके लिए उसने शौचालयों के बाहर और पूरे परिसर में लगे कैमरे का इस्तेमाल किया जो सीधे उसके फोन से जुड़े थे। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

स्वयंभू धर्मगुरु पर 17 छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने का मामला दर्ज किया गया है।

‘श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट’ (श्रीसीम) के संचालक चैतन्यानंद सरस्वती (62) उर्फ ​​स्वामी पार्थसारथी पर आरोप है कि वह 1.5 करोड़ रुपये मूल्य की अपनी बीएमडब्ल्यू कार से ‘औद्योगिक दौरे’ के बहाने छात्राओं को ऋषिकेश ले गया।

कार को संस्थान के बेसमेंट से जब्त कर लिया गया है और पुलिस ने कहा कि इसके ‘डैशकैम फुटेज’ की जांच की जाएगी।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘संस्थान में लगे कैमरों के अलावा छात्रावास की लॉबी और बाथरूम के बाहर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। हॉस्टल में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की लगभग 75 छात्राएं रहती हैं। सरस्वती नियमित रूप से छात्राओं की निगरानी करता था और अपने फोन के जरिए उनकी गतिविधियों पर नजर रखता था।’

जांचकर्ताओं ने बताया कि आरोपी ने संस्थान के डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) सिस्टम से छेड़छाड़ की, जिससे सीसीटीवी के अहम सबूत नष्ट हो गए। हालांकि, पुलिस का मानना ​​है कि बीएमडब्ल्यू के ‘डैशकैम’ से कुछ ठोस सबूत मिल सकते हैं।

सूत्रों ने पहले दावा किया था कि सरस्वती ने संस्थान में अपने भूतल स्थित कार्यालय को ‘यातना कक्ष’ में बदल दिया था, जहां महिला शोधार्थियों (विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं) का कथित तौर पर शोषण किया जाता था।

हालांकि, डीसीपी (दक्षिण-पश्चिम) अमित गोयल ने स्पष्ट किया कि तलाशी के दौरान ऐसा कोई कक्ष नहीं मिला।

पुलिस ने कहा कि जांच में यह भी पता चला है कि सरस्वती ने संस्थान पर अपना नियंत्रण मजबूत कर लिया था और कथित तौर पर जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम (जो इसका संचालन करता है) की संपत्तियों को वित्तीय लाभ के लिए निजी कंपनियों को किराये पर दे दिया है।

एक अधिकारी ने कहा, ‘उसने कथित तौर पर इस धन का इस्तेमाल महंगे लक्जरी वाहन खरीदने में किया।’

अब तक सरस्वती के पास दो कारें मिली हैं।।

प्राथमिकी में कहा गया है, ‘बीएमडब्ल्यू कार खरीदने के बाद उसने संस्थान की छात्राओं के साथ पूजा की, उन्हें घुमाया और गाने बजाए तथा अनुचित टिप्पणियां कीं। उसने उसी कार का इस्तेमाल उन्हें औद्योगिक दौरे के लिए ऋषिकेश ले जाने के लिए भी किया।’

सरस्वती के खिलाफ वसंत कुंज उत्तर थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

भाषा

शुभम अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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