नई दिल्ली: दिप्रिंट की संवाददाता ज्योति यादव और फातिमा खान को लाडली मीडिया एंड एडवरटाइजिंग अवार्ड देने की घोषणा की गई है. दोनों को जेंडर सेंसिटिविटी कैटेगरी में ये अवार्ड मिला है.
शुक्रवार को इसकी घोषणा की गई.
इस साल अवार्ड के लिए मुख्य अतिथी राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा थी वहीं गेस्ट ऑफ ऑनर यूएनएफपीए इंडिया की अर्जेंटीना मटावल पीसीन थी.
ज्योति यादव को 17 अगस्त 2019 को हरियाणा के ‘मोल की बहुओं’ पर की गई एक फीचर स्टोरी के लिए जेंडर सेंसिटिविटी (नार्थ) कैटेगरी में पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. यह पुरस्कार हिंदी श्रेणी के लिए दिया गया है.
ज्योति यादव ने इस रिपोर्ट के लिए जाट जोश और ज़मीन कहे जाने वाले हरियाणा की यात्रा की जहां महिलाओं का सेक्स रेश्यो इतना खराब है कि राज्य में बाहर से बहुएं खरीद कर लानी पड़ रही हैं. इन बहुओं को मोल की या पारो कहा जाता है, जिनका मूल्य कई बार एक मुर्रा भैंस से भी कम होता है.
रिपोर्टर ने खाप पंचायतों, नेताओं, एनजीओ, मिडिलमेन से बातचीत के ज़रिए मोल की बहुओं की कहानी की परतों को खोलने की कोशिश की. अब ये ये सिर्फ सामाजिक मुद्दा ना रहकर एक राजनीतिकि मुद्दा बन गया है. अब चुनाव के वक्त बहू दिलाओ वोट पाओ का नारा अक्सर सुनाई देता है.
ज्योति यादव को जिस फीचर स्टोरी के लिए पुरस्कार मिला है, उसका शीर्षक है- ‘मोल की बहुएं: ‘हरियाणवी मर्दों’ के एहसान तले दबी औरतें जिनकी अपनी पहचान खो गई ‘.
Congratulations Jyoti Yadav on winning the Laadli Media and Advertising Award for Gender Sensitivity (North) 2020! #laadli #LMA2020 @ThePrintIndia pic.twitter.com/bCVmepG5JQ
— Laadli (@Laadli_PF) November 20, 2020
दिप्रिंट की फातिमा खान को अंग्रेजी भाषा में न्यूज रिपोर्ट के लिए लाडली मीडिया पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. फातिमा को भी जेंडर सेंसिटिविटी (नार्थ) के लिए पुरस्कार दिया जाएगा. फातिमा की स्टोरी 9 दिसंबर 2019 को प्रकाशित हुई थी.
फातिमा खान को कथित तौर पर 23 वर्षीय महिला के रेप और हत्या के मामले को कवर करने के लिए अवार्ड दिया गया है.
Congratulations Fatima Khan on winning the Laadli Media and Advertising Award for Gender Sensitivity (North) 2020! #laadli #LMA2020 @ThePrintIndia pic.twitter.com/8sOYFV1BWZ
— Laadli (@Laadli_PF) November 20, 2020
75 मीडियाकर्मियों को मिला लाडली अवार्ड
इस साल 75 मीडियकर्मियों को लाडली अवार्ड दिया गया है. वहीं 18 को ज्यूरी द्वारा एप्रीशियसन दिया गया है. अवार्ड विजेताओं के काम हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम कन्नड, ओडिया, बंगाली, गुजराती और अंग्रेजी भाषा में हैं.
मुंबई बेस्ड सिविल सोसाइटी संगठन पोप्यूलेशन फर्स्ट ने 2005 में इसे लांच किया था. ये एनजीओ महिला सशक्तिकरण, जेंडर इक्वेलिटी के लिए देशभर में काम करता है.
ज्योति यादव के रिपोर्ट्स यहां पढ़ें | फातिमा खान के रिपोर्ट्स यहां पढ़ें:
यह भी पढ़ें: मोल की बहुएं: ‘हरियाणवी मर्दों’ के एहसान तले दबी औरतें जिनकी अपनी पहचान खो गई