कोच्चि, 30 मार्च (भाषा) दुष्कर्म मामले में बिशप फ्रैंको मुलक्कल के बरी होने के खिलाफ पीड़ित नन और राज्य सरकार ने केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। अपने साथ दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली नन ने यह याचिका इस हफ्ते की शुरुआत में दायर की थी, जबकि राज्य सरकार ने अपनी याचिका बुधवार को दायर करके बरी करने के फैसले को चुनौती दी।
नन ने भी याचिका में दुष्कर्म मामले में बिशप मुलक्कल को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है। उधर, राज्य सरकार ने बुधवार को निचली अदालत के 14 जनवरी, 2022 के आदेश के खिलाफ याचिका दायर करने को मंजूरी दे दी। अतिरिक्त लोक अभियोजक पी नारायणन ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपनी यचिका में कहा है कि न्यायाधीश ने साक्ष्यों का सही परिस्थितियों में मूल्यांकन किये बगैर और तथ्यों को समझे बिना आरोपी को अनुचित तरीके से बरी कर दिया।
नारायणन ने निचली अदालत के फैसले को रद्द करने की मांग करते हुए दावा किया कि यह फैसला सरासर गलत, त्रुटिपूर्ण और विपरीत है।
14 जनवरी को अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत प्रथम, कोट्टायम ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल को इस मामले में बरी कर दिया था। अदालत ने यह फैसला देते हुए कहा था कि आरोपी के खिलाफ अभियोजन पक्ष साक्ष्य मुहैया कराने में नाकाम रहा।
नन ने आरोप लगाया है कि 57 वर्षीय मुलक्कल ने वर्ष 2014 से 2016 के दौरान उससे कई बार दुष्कर्म किया। तब मुलक्कल रोमन कैथोलिक चर्च के जालंधर डायोसेस के बिशप थे।
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