पुणे, 30 मई (भाषा) वायुसेना प्रमुख वी.आर चौधरी ने सोमवार को कहा कि नयी प्रौद्योगिकी और नये सिद्धांतों के आने के साथ युद्ध का तरीका मूलभूत परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। साथ ही, भारत के सुरक्षा परिदृश्य में बहुआयामी खतरे और चुनौतियां शामिल हैं, जिनसे निपटने के लिये लिए बहु-स्तरीय क्षमताओं और कम समय में अभियानों के क्रियान्वयन की आवश्यकता होगी।
उन्होंने यहां महाराष्ट्र में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में 142वें पाठ्यक्रम की ‘पासिंग आउट’ परेड का निरीक्षण करने के बाद यह बात कही। एनडीए सशस्त्र बलों की संयुक्त सेवाएं अकादमी है।
उन्होंने यह भी कहा कि विश्व वायु सेना सूचकांक में तीसरा स्थान हासिल करना भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लिये गर्व की बात है और यह पहले स्थान की ओर बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं कि दुनिया युद्ध के तरीकों में नयी प्रौद्योगिकी को अपना रही है और पारंपरिक युद्ध लड़ने के तरीकों से धीरे-धीरे दूर जा रही है, इस लिहाज से ”हम सभी के लिए तेजी से बदलाव के अनुकूल होना जरूरी है ताकि हम युद्ध लड़ने के अपने तरीकों को नया रूप दे सकें।”
उन्होंने कहा, ”नयी प्रौद्योगिकी और नए सिद्धांतों के आने के साथ युद्ध का तरीका एक मूलभूत परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। भारत के सुरक्षा परिदृश्य में बहुआयामी खतरे और चुनौतियां हैं। इनसे निपटने के लिये हमें बहु-स्तरीय क्षमताओं का निर्माण करने और एक साथ तथा कम समय में अभियानों के क्रियान्वयन की आवश्यकता होगी।”
भाषा जोहेब सुभाष
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