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Sunday, 6 October, 2024
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कांग्रेस सिंह के स्‍वतंत्र देव बनने की कहानी का अहम पड़ाव है योगी कैबिनेट में मंत्री पद

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लखनऊ, 25 मार्च (भाषा) भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश के 18वीं विधानसभा चुनाव में मिले पूर्ण बहुमत का श्रेय तमाम लोगों के खाते में जाता है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण नाम शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का भी है।

स्वतंत्र देव की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश की जनता ने किसी पार्टी को करीब चार दशक (37 साल) बाद में राज्य में लगातार दूसरी बार जनादेश दिया है।

इससे पहले उत्तर प्रदेश में 1985 में जनता ने कांग्रेस को लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का मौका दिया था। लेकिन उसके बाद से अभी तक कोई बार लगातार दो बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में नहीं लौटी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में बतौर मंत्री आज शपथ लेने वाले स्‍वतंत्र देव सिंह ने लंबा संघर्ष किया है और आज का यह समारोह कांग्रेस सिंह के स्‍वतंत्र देव सिंह बनने तक की संघर्षपूर्ण कहानी का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

भाजपा की इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्‍वतंत्र देव सिंह का नाम माता-पिता ने कांग्रेस सिंह रखा था लेकिन भाजपा की राजनीति से जुड़ने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया। कांग्रेस सिंह से स्‍वतंत्र देव सिंह तक के सफर में उन्होंने कई उतार चढ़ाव देखे।

मिर्जापुर जिले के एक गांव में 13 फरवरी, 1964 को जन्मे स्‍वतंत्र देव ने बुंदेलखंड को अपनी राजनीतिक जमीन बनाया। मूल रूप से अति पिछड़ी कुर्मी बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले स्‍वतंत्र देव का पठन-पाठन जालौन में पुलिस सेवा में रहे बड़े भाई की देखरेख में हुआ।

स्‍वतंत्र देव 16 जुलाई, 2019 से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं। इसके पहले वह भाजपा में प्रदेश उपाध्यक्ष, दो बार प्रदेश महामंत्री, भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष समेत विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। विधायक निर्वाचित होने से पहले सिंह विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) थे, वह पहले भी उच्‍च सदन के सदस्य रह चुके हैं। 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गठित पिछली भाजपा सरकार में स्वतंत्र देव को परिवहन राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) बनाया गया था।

भाषा आनन्द अर्पणा

अर्पणा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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