अमरावती, नौ अक्टूबर (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि अमरावती के विकास का लाभ सबसे पहले उन किसानों को मिलना चाहिए जिन्होंने राजधानी के लिए अपनी जमीन का बलिदान दिया।
सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (सीआरडीए) की 53 वीं बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि ‘किसानों का विकास भी ग्रीनफील्ड राजधानी शहर के विकास के साथ-साथ होना चाहिए।’
सीआरडीए ने 212 करोड़ रुपये की लागत से अमरावती में राजभवन के निर्माण को मंजूरी दी और इसका निर्माण कृष्णा नदी के तट पर अमरावती सरकारी परिसर के हिस्से के रूप में किया जाएगा।
नायडू ने बुधवार देर रात एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘हमने राजधानी शहर के निर्माण कार्य को फिर से शुरू कर दिया है। अमरावती के विकास का लाभ सबसे पहले उन किसानों को मिलना चाहिए जिन्होंने राजधानी के लिए अपनी जमीन कुर्बान कर दी।’’
नायडू के ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ के तहत अमरावती के लिए खरीदी गई 54 हजार एकड़ ज़मीन में से 34,281 एकड़ ज़मीन 29 गांवों के लगभग 30 हजार किसानों से ली गई थी। इनमें से ज़्यादातर लोग दलित हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अमरावती के लिए अपनी जमीनें देने वाले किसानों को वादे के तहत इसके बदले योग्य भूखंड उनके ही गांवों में तुरंत सौंपे जाएं।
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख ने निर्देश दिया कि किसानों को पट्टा राशि का भुगतान करने में देरी नहीं होनी चाहिए।
अधिकारियों को ग्रीनफील्ड राजधानी शहर के निर्माण कार्यों में तेजी लाने का निर्देश देते हुए नायडू ने कहा कि अमरावती को तीन महीने के भीतर बेहतर रूप में लाया जाए।
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