scorecardresearch
Saturday, 4 May, 2024
होमदेशसंसदीय समिति की सिफारिश—विधेयक का मसौदा सरल भाषाओं में हो तैयार, ताकि आम लोग भी उन्हें समझ सकें

संसदीय समिति की सिफारिश—विधेयक का मसौदा सरल भाषाओं में हो तैयार, ताकि आम लोग भी उन्हें समझ सकें

सुशील मोदी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति की सिफारिश में कहा गया कि केंद्रीय विधि मंत्रालय के विधायी विभाग द्वारा तैयार किए जाने वाले सभी विधेयकों के मसौदों की भाषा को या तो केवल देश के बुद्धिजीवी समझ सकते हैं या फिर वे लोग, जिन्हें कानून की समझ हो.

Text Size:

नई दिल्ली: संसद की एक समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि विधेयकों के मसौदे इतनी सरल भाषा में तैयार किए जाने चाहिए कि आम जनता प्रस्तावित विधेयक और इसे लाने की वजहों को समझ सके.

संसद की कानून एवं कार्मिक मामलों की स्थाई समिति ने यह भी कहा कि वर्तमान में केंद्रीय विधि मंत्रालय के विधायी विभाग द्वारा तैयार किए जाने वाले सभी विधेयकों के मसौदों की भाषा को या तो केवल देश के बुद्धिजीवी समझ सकते हैं या फिर वे लोग, जिन्हें कानून की समझ हो.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा, ‘‘संसद में पेश विधेयक को समझना आम जनता के लिए बहुत मुश्किल होता है. इसलिए समिति यह सिफारिश करना चाहती है कि विधेयकों का मसौदा इतनी सरल भाषा में तैयार किया जाना चाहिए कि आम लोग भी विधेयकों के प्रस्तावित उद्देश्य और उसके प्रभावों को समझ सकें. उदाहरण के तौर पर हाल ही में सरकार द्वारा लाए गए ‘डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन विधेयक, 2022’ और ‘इंडियन टेली कम्युनिकेशन विधेयक, 2022’ जैसे विधेयक.’’

उन्होंने कहा, ‘‘विधायी विभाग का काम सरकार के महत्वपूर्ण दस्तावेज़ की बारीकी से जांच करना और मंत्रालयों को विभिन्न अध्यादेशों तथा विधेयकों का मसौदा तैयार करने में मदद करना है, ताकि संसदीय और न्यायिक समीक्षा के दौरान उनमें खामियां न निकले.’’

यह विभाग मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दोनों निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों सहित निर्वाचन आयोग से जुड़े विभिन्न मुद्दों के लिए एक नोडल एजेंसी भी है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

विधि विभाग जनप्रतिनिधित्व कानून, 1950 और 1951 तथा संबंधित चुनाव नियमों से जुड़े मुद्दों से भी निपटता है.

विधायी विभाग ने समिति को बताया है कि एक जनवरी, 2022 से 31 दिसंबर, 2022 तक उसने 28 विधेयकों को संसद के पटल पर रखे जाने के लिए भेजा है.

संसद में पहले से लंबित और इस अवधि में पेश सभी विधेयकों में से 23 ने कानून का रूप ले लिया है. इतना ही नहीं, इस दौरान राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 240 के तहत छह नियमावलियों को अधिसूचित किया गया तथा 2,332 उपनियमों, नियमावलियों, आदेशों और अधिसूचनाओं की भी विभाग द्वारा समीक्षा की गई.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


यह भी पढ़ेंः रक्षा निर्यात 16,000 करोड़ रुपये तक पहुंचा, अब तक अपने उच्चतम स्तर पर, मेड-इन-इंडिया ATAGS भी शामिल


 

share & View comments