scorecardresearch
गुरूवार, 12 जून, 2025
होमदेशरेत माफिया की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर हमला मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करेगा न्यायालय

रेत माफिया की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर हमला मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करेगा न्यायालय

Text Size:

नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मध्यप्रदेश के उन दो पत्रकारों की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने को लेकर सहमति जताई, जिनपर स्थानीय रेत माफिया की रिपोर्टिंग को लेकर पुलिस ने कथित रूप से हमला किया था।

न्यायमूति संजय करोल और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ के समक्ष याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए मामले का विशेष उल्लेख किया गया।

दोनों पत्रकारों की अधिवक्ता ने पीठ को बताया, ‘‘मध्यप्रदेश के एक स्थानीय पुलिस थाने में दो पत्रकारों की पिटाई की गई है।’’

उन्होंने कहा कि घटना एक महीने पहले हुई थी और पत्रकार घटना के बाद दिल्ली भाग गए।

वकील ने कहा, ‘‘वे रेत माफिया के बारे में रिपोर्टिंग कर रहे थे। यह बहुत गंभीर (मामला) है। उन्हें थाने में पीटा गया। उन्होंने अब सुरक्षा मांगी है।’’

अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता भिंड में पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की आशंका जता रहे थे।

पीठ ने पूछा, ‘‘आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं गए?’’

वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता इस समय दिल्ली में हैं, जिसके बाद पीठ ने पूछा, ‘‘तो क्या हमें अग्रिम जमानत के लिए अखिल भारतीय मामलों पर विचार करना चाहिए, खासकर तब, जब वहां एक पत्रकार है?’

वकील ने दावा किया कि याचिकाकर्ताओं की जान को खतरा है और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी इस घटना की निंदा की है।

पीठ ने पूछा, ‘‘आप आज ही सीधे उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते?’’

वकील ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के पास उच्च न्यायालय के समक्ष जाने का कोई साधन नहीं हैं। उन्होंने पीठ से याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आग्रह किया।

इसके बाद पीठ ने मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने को लेकर सहमति जता दी।

अदालत ने कहा, ‘‘लेकिन आप जोखिम उठा रहे हैं। हम आपको बता रहे हैं कि अगर यह (इस) पीठ के समक्ष आता है तो आपको निष्कर्ष पता होगा।’’

वकील ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय को मनाने की कोशिश करेंगी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 28 मई को मध्यप्रदेश के एक पत्रकार को सुरक्षा प्रदान की, जिसने दावा किया था कि भिंड के पुलिस अधीक्षक द्वारा उसके कार्यालय में कथित रूप से पीटे जाने के बाद उसकी जान को खतरा है।

उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वह ‘स्वराज एक्सप्रेस’ समाचार चैनल के भिंड ब्यूरो प्रमुख अमरकांत सिंह चौहान को दो महीने तक सुरक्षा प्रदान करे। सिंह मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं।

अदालत ने कहा, ‘‘इस बीच, वे (आगे कानूनी उपायों का लाभ उठाने के लिए) संबंधित उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।’’

भिंड जिले के तीन पत्रकारों ने हाल ही में आरोप लगाया था कि पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के अंदर उनके साथ मारपीट की गई या उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया, हालांकि पुलिस अधिकारी ने इस आरोप से इनकार किया है।

यूट्यूब चैनल चलाने वाले प्रीतम सिंह राजावत, समाचार पोर्टल चलाने वाले शशिकांत गोयल और चौहान ने जिला कलेक्टर को सौंपी गई शिकायत में आरोप लगाया कि एक मई को उनके साथ मारपीट की गई।

चौहान ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर दावा किया कि वह भिंड में पुलिस द्वारा की गई हिंसा से बचकर राष्ट्रीय राजधानी भागकर आए थे और अपनी जान एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता को खतरे के कारण मध्य प्रदेश वापस नहीं लौट पा रहे हैं।

भाषा सुरेश रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments