नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने ब्रिटेन में रहने वाले हथियार कंसल्टेंट संजय भंडारी की एक याचिका पर फैसला बृहस्पतिवार को सुरक्षित रख लिया है जिसमें उसने खुद को भगौड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने भंडारी और प्रवर्तन निदेशालय की दलीलें सुनीं और फैसला सुरक्षित रख लिया।
जांच एजेंसी ने कहा कि जुलाई में जब निचली अदालत ने आदेश पारित किया था तो अदालत को एक मूल्यांकन आदेश के बारे में पता था।
एजेंसी ने कहा कि इस मूल्यांकन में दिखाया गया था कि 655 करोड़ रुपये की संपत्ति गुप्त रूप से अर्जित की गई थी।
हालांकि, भंडारी के वकील ने दलील दी कि अभियोजन की शुरुआत मूल्यांकन कार्यवाही पूरी किए बिना ही कर दी गई थी और यदि मूल्यांकन पूरा नहीं हुआ था, तो यह मानने का क्या कारण था कि कर चोरी 100 करोड़ रुपये से अधिक थी।
निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने और उसे रद्द करने की मांग करते हुए भंडारी के वकील ने कहा कि उसे भगोड़ा घोषित करते ही उसके पास कोई उपाय नहीं रह जाएगा।
निचली अदालत ने पांच जुलाई को ईडी की याचिका पर भंडारी को ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित कर दिया था।
इस आदेश के तहत एजेंसी को भंडारी की करोड़ों रुपये की सभी संपत्ति जब्त करने की अनुमति मिल गई है। हाल ही में ब्रिटेन की एक अदालत ने उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ फैसला सुनाया है, जिसके बाद भंडारी के भारत आने की संभावनाएं लगभग समाप्त हो गई हैं।
भंडारी (63) 2016 में दिल्ली में आयकर विभाग की छापेमारी के तुरंत बाद लंदन भाग गया था। एजेंसी कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा के पति व कारोबारी रॉबर्ट वाद्रा के साथ भंडारी के संबंधों की जांच कर रही है।
भाषा जोहेब नरेश
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