नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह एक सप्ताह के भीतर मौजूदा केंद्रीय नियमों के अनुसार राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में सात पदेन सदस्यों की नियुक्ति करे।
मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार के नियमों के अनुसार नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए स्वास्थ्य सचिव की खिंचाई की, जिन्हें अभी अधिसूचित किया जाना है।
पीठ ने कहा कि अधिकारी यह अनुमान नहीं लगा सकते कि उचित मंजूरी के बाद ये नियम कब लागू होंगे।
पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की. “समस्या यह है कि आपके स्वास्थ्य सचिव नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.. वह नियमों के लागू होने की संभावना को लेकर आगे नहीं बढ़ सकते। मुझे बताया गया है कि वह एक डॉक्टर हैं। वह इस तरह से कैसे काम कर रहे हैं?.. इस व्यक्ति को नियमों का पालन करना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा, “या तो वह कानून जानते हैं या फिर नहीं जानते हैं। अगर वह कानून जानते हैं, तो उन्हें मौजूदा कानून का पालन करना होगा।”
पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा, “आप इसे आज के प्रचलित नियमों के अनुसार बनाएंगे। आज केंद्र सरकार के नियम प्रचलित हैं। इसे केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार बनाएं।”
दिल्ली सरकार के वकील ने आश्वासन दिया कि मौजूदा नियमों के अनुसार राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में पदेन सदस्यों की नियुक्ति एक सप्ताह के भीतर अधिसूचित कर दी जाएगी।
मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।
भाषा नोमान रंजन
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