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शनिवार, 17 मई, 2025
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न्यायालय ने धर्मांतरण पर उप्र के संशोधित कानून के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई

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नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ‘‘गैरकानूनी धर्मांतरण’’ पर उत्तर प्रदेश के 2024 के संशोधित कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने के लिए शुक्रवार को सहमत हो गया।

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता एस मुरलीधर की दलीलों पर गौर किया, जिन्होंने कहा कि 2024 में संशोधित ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम’ के कुछ प्रावधान ‘‘अस्पष्ट और अत्यधिक व्यापक’’ हैं तथा यह अस्पष्टता अभिव्यक्ति और धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता का हनन करती है।

हालांकि, प्रधान न्यायाधीश ने फिलहाल जनहित याचिका पर नोटिस जारी नहीं किया और कहा कि इस पर 13 मई को अन्य लंबित याचिकाओं के साथ सुनवाई की जाएगी।

शीर्ष अदालत संशोधित कानून के खिलाफ लखनऊ निवासी रूप रेखा वर्मा और अन्य द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।

अधिवक्ता पूर्णिमा कृष्ण के मार्फत दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता), 19 (वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता), 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) और 25 (धर्म की स्वतंत्रता) का हनन करता है।

याचिका में दावा किया गया है कि अधिनियम की धाराएं 2 और 3 ‘‘अस्पष्ट, अत्यधिक व्यापक और बिना स्पष्ट मानकों वाली’’ हैं, जिससे यह निर्धारित करना मुश्किल हो जाता है कि अपराध क्या है।

याचिका में कहा गया है, ‘‘यह अस्पष्टता वाक् स्वतंत्रता और धार्मिक प्रचार का हनन करती है, जिससे मनमाने और भेदभावपूर्ण तरीके से इसे लागू किया जाना संभव हो जाता है। जबकि दंडनीय कानून सटीक होने चाहिए। अस्पष्ट प्रावधान अधिकारियों को अत्यधिक विवेकाधिकार प्रदान कर और निर्दोष व्यक्तियों के खिलाफ गलत तरीके से मुकदमा चलाने का जोखिम मोल लेकर संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं।’’

याचिका में कहा गया है कि मुख्य चिंता यह है कि 2024 का संशोधन प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों को शामिल किये बिना शिकायत दर्ज करने के लिए अधिकृत व्यक्तियों की श्रेणी का विस्तार करता है।

शीर्ष अदालत में, धर्मांतरण पर विभिन्न राज्यों के कानूनों की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं लंबित हैं।

भाषा सुभाष अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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