नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद राजनयिक प्रयास के तहत विभिन्न देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजने संबंधी केंद्र के फैसले का शनिवार को स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुंबई में 2008 में 26 नवंबर को हुए हमले के बाद तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने पाकिस्तान को ‘आतंकवादियों की फैक्टरी’ के रूप में बेनकाब करने के लिए इस तरह की कवायद की थी, जिसका आज तक भारत को फायदा मिलता है।
उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मुझे याद है कि 26/11 हमलों के बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फैसला किया था कि हमें एक ऐसा कदम उठाना चाहिए जो दुनिया में साबित करे कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है और आतंकवादियों को जन्म देता है। हमने तथ्य एकत्र किए, दस्तावेजीकरण किया और फिर अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, यूरोप जैसे विभिन्न क्षेत्रों में गए।’
मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे सिब्बल ने कहा, ‘मैंने अफ्रीकी महाद्वीप में गए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। हमने सांसदों से मुलाकात की थी, उन्हें अपने मुद्दों से अवगत कराया था… हमने एक ऐसा माहौल बनाया जिसका फायदा हमें अब भी मिलता है।’
उन्होंने कहा, ‘‘उस वक्त हमने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों की फैक्टरी है। यहां तक कि चीन ने भी आतंकवादी हमले की निंदा की थी।’
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का भारत का संदेश लेकर सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश जाएंगे, जिनमें से चार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तारूढ़ दलों के नेता जबकि तीन की अगुवाई विपक्षी दलों के नेता करेंगे।
भाषा हक अविनाश
देवेंद्र
देवेंद्र
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.