नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीआर) ने केरल में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में शामिल होने से पहले एक छात्रा से कथित तौर पर अंत:वस्त्र उतारने के लिए कहे जाने के मामले में मंगलवार को संबंधित जांच कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
संबंधित छात्रा द्वारा आधिकारिक तौर पर शिकायत देने के बाद केरल पुलिस ने इस सिलसिले में एक मामला दर्ज किया है।
पुलिस के मुताबिक, मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला करना या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना) और 509 (शब्द, इशारे या कृत्य के जरिये महिला का शील भंग करने का इरादा) लागू की गई है।
महिला आयोग ने कहा कि हमने संबंधित घटना को गंभीरता से लिया है, जो लड़कियों की ‘गरिमा के लिए शर्मनाक और अपमानजनक’ है।
एनसीडब्ल्यू की ओर से जारी बयान के मुताबिक, “अध्यक्ष रेखा शर्मा ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के अध्यक्ष को पत्र लिखकर छात्राओं द्वारा लगाए गए आरोपों की स्वतंत्र जांच करने और दोषियों के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है। आयोग ने मामले की समयबद्ध जांच कराने की भी मांग की है।”
महिला आयोग ने केरल के पुलिस महानिदेशक को भी पत्र लिखकर इस मामले में निष्पक्ष जांच करने और आरोप सही पाए जाने पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। आयोग ने कहा है कि मामले में की गई कार्रवाई से उसे तीन दिनों के भीतर अवगत कराया जाना चाहिए।
दूसरी ओर, एनसीपीसीआर ने कोल्लम के जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर इस मामले की जांच का अनुरोध किया है कि 17 जुलाई को नीट में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की जांच/तलाशी के दौरान कितनों के साथ इसी तरह का व्यवहार किया गया था।
भाषा पारुल पवनेश
पवनेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.