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सोमवार, 5 मई, 2025
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शेख सलीम चिश्ती दरगाह के नए सज्जादानशीन अरशद फरीदी की दस्तारबंदी की रस्म पूरी हुई

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आगरा (उप्र), सात अप्रैल (भाषा) आगरा जिले के फतेहपुर सीकरी स्थित विश्व प्रसिद्ध शेख सलीम चिश्ती की दरगाह के नए सज्जादानशीन अरशद फरीदी की सोमवार को दस्तारबंदी (पगड़ी बांधने) की रस्म पूरी की गयी।

एक बयान के मुताबिक, भव्य समारोह में यह परंपरा पूरी की गयी।

इसमें कहा गया है कि 80 साल के बाद दरगाह परिसर में सज्जादानशीन के लिए दस्तारबंदी की रस्म हुई और अरशद फरीदी को इसका दायित्व सौंपा गया।

बयान के अनुसार, अरशद फरीदी अपने परिवार की 17वीं पीढ़ी हैं जो सलीम चिश्ती की दरगाह का दायित्व संभालेंगे। दरगाह के मौजूदा सज्जादानशीन एवं फरीदी के पिता रईस मियां ने अपनी जिदंगी में ही उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है।

इसमें कहा गया है कि दरगाह परिसर में शानदार आयोजन में देश की कई दरगाहों के सज्जादानशीन शामिल हुए। धार्मिक उद्बोधन से कार्यक्रम शुरू हुआ, उसके बाद अन्य दरगाहों के सज्जादानशीनों ने दस्तारबंदी करके आधिकारिक रूप से फरीदी को सज्जादानशीन घोषित किया। इस मौके पर फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर और रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी भी पहुंचे थे।

फरीदी ने कहा, ‘मुझे सज्जादानशीन बनाया गया है, ये बड़ी जिम्मेदारी है। हमारे बुजुर्गों ने हमको जो शिक्षा दी है, हमें उसको आगे बढ़ाना है। मैं दुआं करता हूं कि देश में अमन चैन कायम रहे।”

फरीदी के पिता रईस मियां ने बताया कि 1945 में उन्हें सज्जादानशीन घोषित किया गया था तब उनकी उम्र महज सात साल थी।

उन्होंने कहा कि अब 80 साल के बाद उनके बेटे फरीदी यह जिम्मेदारी संभालेंगे।

बयान के मुताबिक, बाबा शेख़ सलीम चिश्ती को चिश्ती सूफी परंपरा के प्रमुख स्तंभों में से एक माना जाता है और वह प्रसिद्ध सूफ़ी संत हज़रत बाबा फरीद के वंशज थे।

भाषा सं आनन्द

राजकुमार नोमान

नोमान

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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