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बुधवार, 11 जून, 2025
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केंद्र की प्राथमिकता मणिपुर में नयी सरकार नहीं, मेइती, कुकी-जो के बीच सुलह कराना है: भाजपा सूत्र

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नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े सूत्रों ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन तत्काल हटाए जाने की संभावना से इनकार करते हुए कहा है कि इस समय केंद्र सरकार की प्राथमिकता मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच सुलह कराना है।

इन दोनों समुदायों के बीच मणिपुर में दो साल से अधिक समय से जातीय संघर्ष जारी है।

भाजपा सूत्रों ने कहा कि हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य में सरकार गठन पर तभी विचार किया जा सकता है जब मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच सुलह हो जाए। ये मणिपुर में सबसे बड़े समुदाय हैं और उनके बाद नगा समुदाय का स्थान आता है।

भाजपा विधायक थोकचोम राधेश्याम सिंह ने पिछले महीने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात के बाद दावा किया था कि 44 विधायक ‘‘लोगों की इच्छा के अनुसार’’ सरकार बनाने के लिए तैयार हैं।

सिंह ने नौ अन्य विधायकों के साथ राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की थी। उन्होंने स्पष्ट किया था कि सरकार बनाने का फैसला भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा।

कुकी-जो विधायक नयी सरकार के गठन के प्रयासों से अधिकतर दूर रहे हैं।

भाजपा नेताओं ने यहां कहा कि विधायकों को नयी सरकार की मांग करने और अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन केंद्र की तत्काल प्राथमिकता जातीय संघर्ष से निपटना है।

मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 59 विधायक हैं। एक सीट एक विधायक के निधन के कारण रिक्त है।

भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में कुल मिलाकर 44 विधायक हैं।

मई 2023 से दोनों समुदायों के बीच शुरू हुए जातीय संघर्ष से निपटने के तरीकों को लेकर आलोचना होने के बाद एन बीरेन सिंह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने फरवरी में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। जातीय संघर्ष की शुरुआत से अब तक 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

भाषा

सिम्मी माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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