नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि शशि थरूर विदेश भेजे गए एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे और इसका सदस्य होने के नाते उन्हें सरकार के पक्ष के अनुरूप बात करनी ही थी।
उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘भविष्य में शशि थरूर के साथ क्या होगा’’ वह इस बारे में नहीं जानते और टिप्पणी नहीं करना चाहते।
चव्हाण और थरूर दोनों कांग्रेस से जुड़े उस ‘जी23’ समूह का हिस्सा थे, जिसने वर्ष 2020 में पार्टी संगठन में बदलाव के लिए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। अब यह समूह अस्तित्व में नहीं है।
बीते 22 अप्रैल के पहलगाम हमले और फिर हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर थरूर निरंतर ऐसे बयान दे रहे हैं जो कांग्रेस के आधिकारिक रुख से मेल नहीं खाते।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम में मध्यस्थता के दावों को लेकर विपक्षी दल सरकार पर सवाल उठा रहा है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में दावा किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद विदेश भेजे गए प्रतिनिधिमंडल विदेश में किसी भी महत्वपूर्ण व्यक्ति से नहीं मिल सके।
उनका कहना था कि इसके लिए सांसद नहीं, बल्कि विदेश मंत्रालय जिम्मेदार है।
थरूर ने अमेरिका और चार अन्य देशों का दौरा करने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।
थरूर की टिप्पणी से जुड़े विवाद के बारे में पूछे जाने पर, चव्हाण ने कहा, ‘‘जब आप सरकारी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के लिए सहमत हुए हैं, तो आप केवल भारत सरकार का बचाव करने के विशिष्ट उद्देश्य के साथ जा रहे हैं, भले ही आप किसी भी पार्टी से हों।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक प्रतिबद्धता है कि आप विदेश जा रहे हैं और आप केवल उसी मामले की पैरवी करेंगे, जो भी सरकार आपसे करने को कहेगी…वह (थरूर) खुद एक अनुभवी राजनयिक रहे हैं। वह सरकारी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, इसका उद्देश्य वहां हमारे मतभेद दिखाना नहीं था।’’
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हक पवनेश
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