ठाणे (महाराष्ट्र), 13 जून (भाषा) ठाणे की एक अदालत ने 10 लाख रुपये के चार चेक बाउंस हो जाने पर एक व्यवसायी को एक साल के कारावास की सजा सुनायी तथा उस पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
ग्यारहवें अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ए डी मार्गोडे ने नौ जून के अपने आदेश में यह भी कहा कि यदि व्यवसायी नितिन तावड़े जुर्माना अदा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें छह महीने की अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी होगी।
इस अदालती आदेश का विवरण शुक्रवार को उपलब्ध कराया गया।
तावड़े ने नाबालिग शिकायतकर्ता को चार चेक जारी किए थे। इस नाबालिग शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व उसके पिता संतोष पलशीकर ने किया।
पलशीकर ने तावड़े को उसके आइसक्रीम पार्लर व्यवसाय के लिए 17 लाख रुपये का ऋण दिया था, जिसमें से 3.05 लाख रुपये नेफ्ट के माध्यम से चुकाए गए थे, जबकि 2.5 लाख रुपये के छह में से चार चेक बाउंस हो गए।
तावड़े के खिलाफ मामला परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत चलाया गया। यह धारा धन की कमी या खाता बंद होने के कारण चेक नहीं भुनने से संबंधित है।
मजिस्ट्रेट मार्गोडे ने अपने फैसले में धारा 138 के तहत दोषसिद्धि के लिए आवश्यक सभी पांच प्रमुख घटक पाये, जिसमें कानूनी रूप से लागू ऋण के लिए चेक जारी करना, समय पर प्रस्तुति, अनादर, कानूनी नोटिस और निर्धारित अवधि के भीतर भुगतान न करना शामिल है।
मजिस्ट्रेट मार्गोडे ने आदेश दिया कि 20 लाख रुपये का जुर्माना तीन महीने के भीतर शिकायतकर्ता को मुआवजे के रूप में दिया जाए।
भाषा राजकुमार मनीषा
मनीषा
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