जलालाबाद (जम्मू): जुल्फिकार अली ने शुक्रवार तड़के यहां सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ के बाद की भयावहता को याद करते हुए कहा, ‘हमने सोचा था कि हम फिर कभी एक-दूसरे को नहीं देख पाएंगे. सारी उम्मीद खो बैठे थे लेकिन सेना ने समय पर कार्रवाई की और हमें बचा लिया.’
अली (34) ने कहा कि भारी गोलीबारी हुई और ग्रेनेड से धमाके हुए तथा हमारे जिंदा बाहर आने की उम्मीद बहुत कम थी. घर की दीवारों और बाहर खड़े वाहनों के गोलियों से छलनी होने के बीच वह अपने परिवार के साथ घर के एक कोने में छिप गया.
उसने कहा कि इस डरावनी स्थिति में सेना का एक दल घर में घुसा और भारी सुरक्षा के बीच परिवार के प्रत्येक सदस्य को निकालना शुरू कर दिया.
अली ने दावा किया कि घनी आबादी वाले जलालाबाद इलाके में तड़के चार बजे के बाद मुठभेड़ शुरू हुई. उसने कहा, ‘सेना का दल हमें एक सुरक्षित स्थान पर ले गया और आज हम जिंदा हैं.’
अधिकारियों ने बताया कि यह मुठभेड़ करीब छह घंटे तक चली और इलाके में अभी तलाशी अभियान चल रहा है. मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए और वे पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन दल का हिस्सा बताए जा रहे हैं.
अली ने कहा, ‘घर के आंगन में एक तेज धमाके से हम उठे. इसके बाद स्वचालित राइफल्स से गोलियां चलने तथा और धमाकों की आवाज आने लगी.’
एक अन्य निवासी मसरज हुसैन ने कहा, ‘हम सहर (रमजान के महीने में रोजे के दौरान सुबह के भोजन) के लिए उठे थे जब गोलीबारी और धमाकों की आवाज से दहल गए.’
उसने बताया कि दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दी गयीं और बाहर से आ रही आवाज डरावनी थी.
अली ने कहा कि धमाके की आवाज से उठने के बाद उसने फौरन मदद के लिए स्थानीय पुलिस थाना अधिकारी को फोन किया. उन्होंने समय पर कार्रवाई की. उसने अपने घर की दीवारें दिखायी जिस पर गोलियों के निशान देखे जा सकते हैं.
अली ने कहा, ‘हमने ऐसा होते हुए कभी नहीं देखा. हम फिर से यह नहीं देखना चाहते. मैं सेना का दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. वे हमें घर से बाहर निकालकर लाए.’
आतंकवादी सीआईएसएफ की एक बस पर हमला करने के बाद जलालाबाद इलाके में घुस गए थे.
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने उस घर को घेर लिया था, जिसमें आतंकवादी छिपे हुए थे. सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों को मार गिराया.
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