मुंबई, 31 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘‘आतंकवाद न कभी भगवा था और न कभी होगा।’’
वह मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है।
मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर मालेगांव शहर में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में लगाए गए विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गयी थी और 101 अन्य लोग घायल हो गए थे।
विशेष अदालत ने मामले के सभी सात आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि उनके खिलाफ ‘‘कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत’’ नहीं हैं।
फडणवीस ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आतंकवाद भगवा न कभी था, न है और न कभी होगा।’’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने कहा कि उनकी पार्टी एनआईए अदालत के फैसले का स्वागत करती है जिसमें ठाकुर और पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया गया है।
हेगड़े ने दावा किया, ‘‘हम इस फैसले से बहुत खुश हैं। यह कांग्रेस पार्टी की नापाक चाल थी जिसने उन्हें फंसाया और अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द भी गढ़ा। उनका पर्दाफाश हो गया है।’’
हेगड़े ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि कोई भी हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता और यह बात सही साबित हुई है।
महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री और भाजपा नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने फैसले की सराहना करते हुए कहा कि हिंदुत्व को ‘‘आतंकवादी’’ करार दिया गया और भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई।
उन्होंने दावा किया कि अध्यात्म को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई।
भाषा
गोला नरेश
नरेश
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