नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि आतंकवाद को किसी भी धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए और कोई भी आस्था हिंसा का समर्थन नहीं करती।
वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत द्वारा सभी सात आरोपियों को बरी किए जाने के बाद सिंह ने यह टिप्पणी की।
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि चरमपंथी वे लोग होते हैं जो नफरत फैलाने के लिए धर्म को विकृत करते हैं।
बरी किए गए सात आरोपियों में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शामिल हैं।
भाजपा नेताओं ने दावा किया है कि ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द गढ़ने के लिए दिग्विजय सिंह ज़िम्मेदार हैं।
सिंह ने अदालत के फैसले के बाद संसद परिसर में ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘न तो कोई हिंदू आतंकवादी हो सकता है, न ही कोई मुसलमान, सिख या ईसाई। हर धर्म प्रेम, सद्भावना, सत्य और अहिंसा का प्रतीक है।’’
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सभी धर्म शांति की बात करते हैं।
उन्होंने भाजपा नेताओं के उन आरोपों को निराधार बताया कि कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ के लिए ‘‘हिंदू आतंकवाद’’ शब्द गढ़ा था।
सिंह ने कहा कि भाजपा का आरोप पूरी तरह से झूठा है।
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