हैदराबाद, चार जून (भाषा) पुलिस ने बुधवार को बताया कि अमेरिका से निर्वासित नालगोंडा जिले के 28 वर्षीय एक छात्र को वीजा प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारियों ने दो जून को एक विदेशी शिक्षा परामर्श कंपनी के प्रबंध निदेशक को भी गिरफ्तार किया, जिस पर छात्र को ‘जाली’ डिग्री प्रमाणपत्र प्रदान करने का आरोप है।
अमेरिका के मिसौरी में वेबस्टर विश्वविद्यालय में मास्टर्स डिग्री की पढ़ाई कर रहे छात्र को एक जून को गिरफ्तार किया गया था। दोनों के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया।
छात्र को मई के अंतिम सप्ताह में भारत लौटते समय अमेरिका के डलास से निर्वासित कर दिया गया था। अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों ने पाया था कि उसका एसईवीआईएस (छात्र एवं विनिमय आगंतुक सूचना प्रणाली) स्टेटस निष्क्रिय था।
एक जून को शमशाबाद में स्थित राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय (आरजीआई) हवाई अड्डे पर पहुंचने पर आव्रजन अधिकारियों ने यहां पूछताछ की। इस दौरान उसने कथित तौर पर कबूल किया कि सितंबर 2023 में उसने ‘फर्जी’ बीएससी कंप्यूटर साइंस प्रमाणपत्र का उपयोग करके अमेरिकी वीजा हासिल किया था।
इस स्वीकारोक्ति के बाद, स्थानीय आव्रजन अधिकारियों ने आरजीआई हवाई अड्डा थाने में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद छात्र को गिरफ्तार कर लिया गया और उसका बयान दर्ज किया गया।
छात्र ने पुलिस को बताया कि उसने शिक्षा परामर्श कंपनी के एमडी से फर्जी दस्तावेज हासिल किए थे। कंपनी के कार्यालय की तलाशी के दौरान पुलिस ने एमडी के पास से कई दस्तावेज जब्त किए, जिनमें विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रमाण पत्र और 10 लाख रुपये नकद शामिल हैं। एमडी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सहायक पुलिस आयुक्त (शमशाबाद डिवीजन) वी श्रीकांत गौड़ ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘छात्र ने अमेरिका में एक साल तक पढ़ाई की थी और भारत आकर पांच महीने तक रहा। जब वह अमेरिका लौटा, तो डलास हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने पाया कि एसईवीआईएस पर उसका छात्र स्टेटस निष्क्रिय है और उसे निर्वासित कर दिया।’
पूछताछ के दौरान, कंसल्टेंसी कंपनी के एमडी ने खुलासा किया कि पिछले पांच वर्षों में उसने 15 छात्रों को विदेश भेजा है और उन्हें ‘नकली’ डिग्री प्रमाणपत्र प्रदान करके दाखिला दिलाया है।
मामले की जांच जारी है।
भाषा जोहेब नरेश
नरेश
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